रायपुर:- स्पर्श एक कोशिश संस्था द्वारा,बच्चों को स्वच्छता,यातायात नियमों एवं दिव्यांगों के प्रति व्यवहार विषय पर जागरूक करने के साथ साथ पुरस्कार वितरण किया गया,
रायपुर राजधानी स्पर्श एक कोशिश द्वारा अनिता लुनिया के निवास स्थान, चौबे कॉलोनी, रामकुंड में प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कृत किया गया और उनके लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन भी किया।
बच्चों को स्वच्छता, यातायात नियमों एवं दिव्यांगों के प्रति व्यवहार विषय पर जागरूक करने के साथ साथ पुरस्कार दिया गया,
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पदमा शर्मा ठाकुर (संस्थापक कोपलवाणी), दीपक जायसवाल (वार्ड पार्षद), शेख मोहसिन (यातायात संभालने में विशेष नृत्य शैली के लिये चर्चित), समाजसेवी लक्ष्मीनारायण लाहोटी, संस्थापक अनिता लुनिया, अध्यक्ष सोनाली लुनिया, कार्यक्रम निदेशक जे.एस. ठाकुर, एस. जमुना, प्रतिक्षा चौहान, रूबी राव, निधि सिन्हा एवं अन्य सदस्य उपस्थित हुये।
कार्यक्रम का संचालन जे.एस.ठाकुर ने किया, धन्यवाद प्रतिक्षा चौहान ने दिया।
अध्यक्ष सोनाली लुनिया ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्था की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया।
मुख्य अतिथि पदमा मैडम ने बताया कि पहले 5 तरह की दिव्यांगता होती थी, अब 21 तरह.की दिव्यांगता पहचानी गई है।
हम दिव्यांगो के प्रति सदा संवेदनशील रहे, कभी उनकी हंसी न उडा़ये, यथासंभव उनकी सहायता करे, विशेष स्कूलों के बारे में उन्हें बताये, उनकी भावनाओं को समझे।
दीपक जायसवाल ने स्वच्छता के महत्व को समझाया और कहा कि सफाई की शुरुआत स्वयं से होनी चाहिए, रोज स्नान करे, नाखून काट कर रखे, मास्क का उपयोग करे, हाथ बार धोये, घर में जब भी प्रवेश करे
हाथ-पांव धोकर करे, अपने आसपास सफाई रखे, कचरा नाली में डाले खुद स्वच्छ रहे और दूसरों को भी जागरूक करे।
शेख मोहसिन ने यातायात के नियमों का पालन करने और दूसरों को प्रेरित करने का संदेश दिया। मातपिता को हेलमेट, सीट बेल्ट का उपयोग करने के लिए मजबूर करे, जेब्रा कॉर्सिंग और स्टाप लाइन का प्रयोग करे,
बालिग होने पर ही गाड़ी चलाये, नशा नहीं करे, यातायात के नियमों में स्पष्ट रुप से जूते पहन कर ही ड्राइविंग करने का नियम है जिसे अधिकतम लोंग नही जानते इसका पालन करना चाहिए।
इस अवसर पर खेलकूद, ड्राइंग और स्लोगन प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।
अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह देकर किया गया।
स्वच्छता, प्रतिदिन स्नान और पोषण के प्रति जागरूकता के लिये सभी बच्चों को प्लास्टिक के मग, साबुन, केला, बिस्किट और चॉकलेट दिये गये
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