महासमुंद में बड़ा घोटाला: रिटायरमेंट से दो दिन पहले BEO केके ठाकुर निलंबित, मुआवजे की रकम हड़पने का आरोप

राजेंद्र देवांगन
3 Min Read

महासमुंद। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से एक और बड़ी वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया है। पिथौरा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) केके ठाकुर को शासन ने निलंबित कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि ठाकुर 30 अप्रैल 2025 को रिटायर होने वाले थे, लेकिन सेवानिवृत्ति से महज दो दिन पहले उन पर गाज गिर गई।

स्कूल के मुआवजे की रकम निजी इस्तेमाल में उड़ाई

मामला नेशनल हाईवे-53 के फोरलेन निर्माण से जुड़ा है। भगतदेवरी के शासकीय मिडिल स्कूल की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जिसके एवज में सरकार ने स्कूल के खाते में 16 लाख 61 हजार 163 रुपए मुआवजे के रूप में जारी किए थे।

आरोप है कि बीईओ ठाकुर ने इस मोटी रकम को बिना किसी लिखित अनुमति के दो साल तक अपने पास रखा और इसका निजी उपयोग कर लिया।

छुट्टी पर भी वेतन डकारा

इतना ही नहीं, ठाकुर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना अवकाश स्वीकृति लिए कई बार छुट्टियां लीं और उस अवधि का वेतन भी निकाल लिया। इस तरह उन्होंने न केवल वित्तीय संहिता का उल्लंघन किया बल्कि कोषालय नियमों को भी दरकिनार कर दिया।

विभाग ने तत्काल निलंबन का आदेश जारी किया

गंभीर वित्तीय अनियमितता को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने उनके निलंबन के आदेश जारी किए। विभागीय जांच में ठाकुर को दोषी पाया गया था। अब उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई भी तय मानी जा रही है।

पहले भी विवादों से रहा है नाता

केके ठाकुर का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। करीब डेढ़ साल पहले भी वे विवादों में फंसे थे, जब बसना विधायक संपत अग्रवाल के मौखिक निर्देश पर उन्होंने वजेपुर के एक शिक्षक को 76 दिनों के लिए अयोध्या में आम भंडारे में सेवा के लिए भेजने का अवैध विभागीय आदेश जारी किया था। इस मामले में भी बीईओ ठाकुर और संबंधित शिक्षक को नोटिस थमाया गया था।

सवालों के घेरे में पूरी प्रणाली

इस घटनाक्रम ने स्कूल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर कैसे एक अधिकारी इतने लंबे समय तक नियमों की धज्जियां उड़ाता रहा और विभाग को भनक तक नहीं लगी? क्या ऐसे अधिकारियों पर सिर्फ निलंबन ही पर्याप्त है या सख्त कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए, यह अब बड़ा सवाल बन गया है।

Share This Article
राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)