भिलाई: गांजा तस्करी मामले में SSP विजय अग्रवाल की सख्त कार्रवाई, आरक्षक विजय धुरंधर बर्खास्त

राजेंद्र देवांगन
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दुर्ग, 27 अप्रैल 2025: दुर्ग जिले के पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र में गांजा तस्करी के एक मामले में शामिल आरक्षक विजय धुरंधर को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) विजय अग्रवाल ने बर्खास्त कर दिया। आरक्षक ने डायल 112 के चालक अनिल कुमार टंडन के साथ मिलकर जब्त गांजे की एक बोरी को छिपाने की साजिश रची थी। मामले का खुलासा तस्करों की पूछताछ के बाद हुआ, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

मामले का विवरण

3 मार्च 2025 को आरक्षक विजय धुरंधर (क्रमांक 1654), जो पुरानी भिलाई थाने में पदस्थ था और डायल 112 की टीम का हिस्सा था, को सूचना मिली कि एक वाहन में गांजा तस्करी हो रही है। मौके पर पहुंचकर उसने वाहन की तलाशी ली, जिसमें तीन बोरियां मिलीं—दो सफेद और एक लाल, जिनमें गांजा भरा था।

  • साजिश: विजय धुरंधर और चालक अनिल टंडन ने लाल बोरी (जिसमें तीन पैकेट गांजा था) को जब्त करने के बजाय कटीली झाड़ियों में छिपा दिया।
  • आंशिक जब्ती: दोनों ने केवल दो सफेद बोरियों की जब्ती दिखाकर पुरानी भिलाई थाने में मामला दर्ज किया।
  • गांजा छिपाने की कोशिश: बाद में दोनों उस स्थान पर लौटे और छिपाई गई लाल बोरी को अनिल टंडन के गांव औंधी स्थित मकान में ले जाकर छिपा दिया।

खुलासा और कार्रवाई

गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार तस्करों ने पूछताछ में इस साजिश का खुलासा किया। पुरानी भिलाई थाना प्रभारी ने जांच शुरू की, और अनिल टंडन की निशानदेही पर उसके घर से छिपाई गई गांजा की बोरी बरामद की गई। इसके बाद:

  • गिरफ्तारी: दुर्ग SP के निर्देश पर आरक्षक विजय धुरंधर और चालक अनिल टंडन को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
  • निलंबन: तत्कालीन SP जितेंद्र शुक्ला ने मार्च 2025 में विजय धुरंधर को निलंबित किया था।
  • बर्खास्तगी: SSP विजय अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विजय धुरंधर की सेवा समाप्त कर दी।

कानूनी कार्रवाई

आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट की धारा 20 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस साजिश में अन्य लोग भी शामिल थे।

पुलिस का रुख

SSP विजय अग्रवाल ने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी गतिविधियों में शामिल किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई उनके हाल ही में पदभार ग्रहण करने के बाद अनुशासन पर जोर देने का हिस्सा है।

प्रभाव

इस बर्खास्तगी ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया है, और कर्मचारियों में कर्तव्यनिष्ठा के प्रति सतर्कता बढ़ी है। स्थानीय लोग इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम मान रहे हैं, लेकिन कुछ का कहना है कि ऐसी घटनाएं पुलिस की छवि को धूमिल करती हैं।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)