भोपाल, 27 अप्रैल 2025: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविंद्र भवन में आयोजित “बहुजन इंटेलेक्ट समिट – चैप्टर 3” में केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में ऐसे लोगों को कुलपति नियुक्त किया जा रहा है, जो नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त मानते हैं और जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज हैं।
शिक्षा में साइंटिफिक टेम्पर की कमी
दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की कमी आ रही है। उन्होंने आरएसएस पर संविधान के मौलिक अधिकारों को न मानने का आरोप लगाया और कहा, “मैं आरएसएस का इसलिए विरोध करता हूं, क्योंकि वे संविधान में विश्वास नहीं करते। हमारी लड़ाई संवैधानिक अधिकारों को लागू करने की है।”
ईवीएम और जांच एजेंसियों पर सवाल
समिट में ईवीएम से चुनाव कराने का मुद्दा भी उठा। दिग्विजय ने कहा कि संविधान में ईवीएम से चुनाव का उल्लेख नहीं है। उन्होंने दावा किया कि लोग डर के कारण विरोध नहीं करते, क्योंकि उनके खिलाफ ईडी, आईटी जैसी एजेंसियों की जांच शुरू कर दी जाती है। उन्होंने कहा, “बिना चार्जशीट के लोगों को 4-5 साल जेल में रखा जा रहा है।” वक्फ कानून के विरोध के सवाल पर उन्होंने जोर देकर कहा कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ होने वाली किसी भी कार्रवाई पर चुप नहीं रहेंगे और आखिरी दम तक लड़ेंगे।
पहलगाम आतंकी हमले पर मौन और टिप्पणी
कार्यक्रम में पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। दिग्विजय ने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि आतंकवादियों द्वारा लोगों से धर्म पूछकर हत्या करना और महिलाओं को चेतावनी देकर छोड़ना पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने इसे खुफिया तंत्र की विफलता करार दिया। साथ ही, उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सभी को एकजुट होकर विरोध करना चाहिए, न कि इसका राजनीतिकरण करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पीएम या गृहमंत्री से इस्तीफा मांगा होता, तो विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगता।
कांग्रेस की रणनीति पर चर्चा
मुख्य वक्ता पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि आरएसएस वैचारिक महत्व को समझता है और माहौल ऐसा बनाता है कि मोदी के खिलाफ बोलने वाला देशद्रोही लगे। उन्होंने कांग्रेस पर विश्वसनीय नरेटिव बनाने में देरी का आरोप लगाया, लेकिन कहा कि हाल के वर्षों में इस दिशा में तेजी से काम हुआ है। अग्रवाल ने बताया कि पहले आरएसएस के पास आर्थिक नीति नहीं थी, लेकिन अब उन्होंने इस पर काम शुरू किया है।
कार्यक्रम का माहौल
समिट में श्रोताओं ने दिग्विजय सिंह से विभिन्न मुद्दों पर सवाल किए, जिनका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। पहलगाम हमले से लेकर शिक्षा, संविधान और अल्पसंख्यक अधिकारों तक के मुद्दों पर चर्चा हुई। यह आयोजन बहुजन समाज के बौद्धिक विमर्श को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
यह समिट मध्य प्रदेश की राजनीति और सामाजिक मुद्दों पर गहन चर्चा का मंच बनकर उभरी, जिसमें दिग्विजय सिंह के बयानों ने खासा ध्यान खींचा।