अटल नगर, रायपुर। छत्तीसगढ़ के अधिवक्ताओं के लिए राहत और सम्मान से जुड़ी बड़ी घोषणाएं की गई हैं। मंत्रालय, महानदी भवन में 9 अप्रैल को आयोजित अधिवक्ता कल्याण निधि न्यास समिति की बैठक में वकीलों की पेंशन, चिकित्सा बीमा, मृत्यु-दावा राशि और युवा अधिवक्ताओं के मानदेय से जुड़े अहम प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश के विधि मंत्री अरुण साव ने की।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 65 वर्ष की आयु और 35 वर्ष की वकालत पूरी करने वाले अधिवक्ताओं को पेंशन दी जाएगी। इसके लिए बिहार में लागू योजना का अध्ययन कर मापदंड तय किए जाएंगे। साथ ही यह भी तय हुआ कि 30 वर्ष तक की आयु और 5 साल की वकालत पूरी करने वाले युवा अधिवक्ताओं को 5 हजार रुपए मासिक मानदेय दिया जाएगा। दोनों मामलों में अन्य राज्यों से जानकारी मंगाकर अगली बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
बीमा और मृत्यु-दावा में भी राहत की तैयारी
अधिवक्ताओं के लिए 10 लाख रुपए की मृत्यु-दावा राशि का प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके साथ ही सभी अधिवक्ताओं को 5 लाख रुपए तक की चिकित्सा बीमा सुविधा देने का प्रस्ताव भी सामने रखा गया, जिसे अगली बैठक में विचार के लिए रखा जाएगा। सामूहिक जीवन बीमा योजना पर भी चर्चा हुई और केंद्र सरकार द्वारा मांगे गए अधिवक्ताओं के डाटा पर राज्य विधिज्ञ परिषद को आवश्यक जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
वकीलों के संरक्षण के लिए अधिनियम की तैयारी
बैठक में विधायक धरमलाल कौशिक ने सुझाव दिया कि जिन राज्यों में अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू है, वहां से कॉपी मंगाकर उसका अध्ययन किया जाए। इस पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 2-3 राज्यों से अधिनियम की प्रतियां मंगवाकर मासिक सत्र में इस पर विचार किया जाएगा।
सामाजिक न्याय का भी रखा गया ध्यान
एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के अधिवक्ताओं को पैनल में जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने का प्रस्ताव भी रखा गया, जिस पर अगली बैठक में विचार किया जाएगा। इस कदम को सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बैठक में रहे ये प्रमुख सदस्य
इस महत्वपूर्ण बैठक में महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत, विधायक धरमलाल कौशिक, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य शैलेन्द्र दुबे, स्टेट बार काउंसिल कार्यकारिणी सदस्य सुनील ओटवानी, शैलेन्द्र दुबे, प्रमुख सचिव रजनीश श्रीवास्तव और विधि सचिव शीतल शाश्वत सहित अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित रहे।
न्याय की नींव मजबूत करने की दिशा में अहम कदम
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अधिवक्ताओं के हित में लिए गए ये निर्णय ना केवल उनकी सामाजिक सुरक्षा को मजबूती देंगे, बल्कि वकालत के पेशे में सम्मान और स्थायित्व का भाव भी बढ़ाएंगे। वकीलों को पेंशन, बीमा और मानदेय देने की दिशा में प्रदेश ने जो कदम बढ़ाया है, वह अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)