सीहोर: बीट गार्ड ने 13.65 लाख की फेंसिंग बेचकर की साजिश, झूठी चोरी की FIR से पर्दाफाश

Babita Sharma
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सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के रेहटी वन परिक्षेत्र में पदस्थ बीट गार्ड रघुवीर सिंह चौहान पर एक बार फिर विभागीय धनराशि के गबन का गंभीर आरोप सामने आया है। पौधारोपण की सुरक्षा के लिए विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई 13.65 लाख रुपए की तार फेंसिंग को चौहान ने बेचने की कोशिश की, और मामले को छिपाने के लिए चोरी की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा दी।

चालाकी से रची साजिश

खजूरी बीट के अंतर्गत चार स्थानों पर पौधों की सुरक्षा हेतु तार फेंसिंग लगानी थी, जिसकी जिम्मेदारी रघुवीर सिंह चौहान को दी गई थी। मगर चौहान ने इन फेंसिंग बंडलों को कबाड़ में बेचने की योजना बनाई। सूत्रों के अनुसार, उसने चकल्दी गांव के एक ऑटो चालक से करीब 100 बंडल तार कबाड़ की दुकान तक पहुंचाने को कहा।

झूठी FIR से सच्चाई आई सामने

ऑटो चालक तार लेकर जा ही रहा था कि चौहान ने रेहटी थाने में चोरी की झूठी शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद पुलिस ने ऑटो चालक और कबाड़ी को हिरासत में ले लिया। लेकिन जांच के दौरान जब सभी तथ्य सामने आए, तो पूरा षड्यंत्र उजागर हो गया।

पहले भी कर चुका है गबन

DFO एसएस डाबर ने मामले की जांच कर बीट गार्ड को दोषी पाया और तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। विभाग ने यह भी आदेश दिया है कि तार फेंसिंग की राशि चौहान के वेतन से वसूली जाएगी। हैरानी की बात यह है कि यह पहला मामला नहीं है—रघुवीर सिंह चौहान 2019 में भी विभागीय धन का गबन कर चुका है, और उस समय भी उस पर कार्रवाई हुई थी।

प्रशासन की सतर्कता से साजिश नाकाम

इस पूरे मामले से वन विभाग में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के प्रति प्रशासन की सतर्कता का संकेत मिलता है। झूठी FIR के जरिए सरकारी संसाधनों को निजी लाभ में बदलने की यह कोशिश यदि समय रहते उजागर न होती, तो विभाग को भारी नुकसान उठाना पड़ता।

अब आगे की कार्रवाई तय करेगी मिसाल

चौहान के खिलाफ विभागीय और कानूनी स्तर पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। अगर इस बार कठोर सजा होती है, तो यह विभाग में गबन करने वाले अन्य कर्मचारियों के लिए चेतावनी बन सकती है।

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ब्यूरो चीफ - मध्यप्रदेश