भोपाल गैंगरेप केस: नाम और धर्म छुपाकर रेप, ब्लैकमेलिंग और जबरन धर्मांतरण की कोशिश—टूटी कलम की विशेष रिपोर्ट

Babita Sharma
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भोपाल में एक ही कॉलेज की तीन छात्राओं के साथ हुए गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग का मामला सामने आते ही पूरा प्रदेश सन्न रह गया है। आरोप है कि फरहान खान, साहिल खान और अली खान नाम के तीन युवकों ने अपना नाम और धर्म छुपाकर छात्राओं से दोस्ती की, फिर भरोसा जीतकर उन्हें अलग-अलग जगहों पर बुलाया और उनके साथ रेप किया।

दोस्ती के जाल में फंसाकर बनाया शिकार

तीनों आरोपी पीड़िताओं के ही कॉलेज में एमबीए के छात्र हैं। उन्होंने छात्राओं से दो साल पहले दोस्ती की थी। शुरुआत में फरहान ने बागसेवनिया की एक छात्रा से हिंदू नाम बताकर संबंध बनाए। बाद में उसका वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया और अपनी सहेलियों से दोस्ती कराने का दबाव बनाया।

वीडियो के दम पर किया गैंगरेप और वसूली

आरोपियों ने रेप के दौरान अश्लील वीडियो बनाए, जिन्हें वायरल करने की धमकी देकर बार-बार पीड़िताओं का शोषण किया। सिर्फ शारीरिक नहीं, आर्थिक शोषण भी किया गया—लड़कियों से हजारों रुपये ऐंठे गए। एक पीड़िता जब ब्लैकमेलिंग और लगातार दबाव से टूट गई, तो उसने हिम्मत दिखाकर बागसेवनिया थाने में FIR दर्ज कराई। इसी के बाद मामले की परतें खुलनी शुरू हुईं।

तीनों पीड़िताएं एक ही कॉलेज की, एक नाबालिग थी

पुलिस जांच में सामने आया है कि सभी तीनों पीड़िताएं एक ही कॉलेज में ग्रेजुएशन की छात्राएं हैं। इनमें से एक लड़की नाबालिग थी जब पहली बार उसके साथ दुष्कर्म हुआ। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मोबाइल से अन्य लड़कियों के नंबर भी बरामद हुए हैं, जिससे यह मामला और बड़ा हो सकता है।

जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव भी

तीनों छात्राओं ने अपने बयान में खुलासा किया कि आरोपी उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने और शादी के लिए मजबूर कर रहे थे। इंकार करने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाती थी। यह मामला केवल रेप और ब्लैकमेलिंग का नहीं, बल्कि एक खतरनाक मानसिक और धार्मिक शोषण की साजिश का हिस्सा भी दिखता है।

पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल

सबसे गंभीर बात ये है कि बागसेवनिया थाने में 18 अप्रैल को FIR दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने 6 दिन तक मामले को दबाए रखा। आखिरकार 24 अप्रैल को जब मीडिया में खबर लीक हुई, तब जाकर कार्रवाई शुरू हुई। पुलिस ने अब तक फरहान और साहिल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है जबकि अली की तलाश जारी है।

तीन थानों में बंटा केस, SIT गठित

पीड़िताओं की अलग-अलग लोकेशनों पर हुई ज्यादती के कारण पुलिस ने केस डायरी तीन हिस्सों में बांटी—बागसेवनिया, अशोका गार्डन और जहांगीराबाद थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के लिए अब SIT गठित की गई है जो पूरे मामले की गहराई से पड़ताल करेगी।

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ब्यूरो चीफ - मध्यप्रदेश