भोपाल। मध्यप्रदेश
प्रमाणन एजेंसियों का पंजीकरण रद्द—फिर पुनः बहाली
मालवा क्षेत्र में ऑर्गेनिक कॉटन प्रमाणीकरण में गंभीर गड़बड़ियों का खुलासा होने पर केंद्र सरकार ने 198 प्रमाणन एजेंसियों के पंजीयन निलंबित या निरस्त कर दिए थे। एक माह बाद अचानक 25 एजेंसियों के पंजीयन को बहाल कर दिया गया, जिससे बड़े पैमाने पर घोटाले पर संरक्षण के आरोप उठ रहे हैं।
दिग्विजय सिंह का पत्र और पुराना संवाद
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के 28 नवम्बर 2024 के पत्र की कॉपी के साथ लीटर भेजा है। गोयल के उस पत्र में राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के प्रमाणन प्रक्रिया में पाए गए “गंभीर उल्लंघन” का जिक्र था, जिसके आधार पर 198 एजेंसियों पर कार्रवाई की थी।
केवल धार की एक एजेंसी पर FIR?
दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाया कि 198 में से सिर्फ धार जिले की एक एजेंसी पर FIR दर्ज हुई—बाकी एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने पूछा कि समान अपराध में लिप्त सभी एजेंसियों को एकसमान न्याय क्यों नहीं मिला।
सरकारी संरक्षण का आरोप
पत्र में यह भी कहा गया कि जिन एजेंसियों ने “ऑर्गेनिक” के नाम पर बायोटेक्नोलॉजी आधारित बीटी कॉटन निर्यात किया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की, उन्हें संरक्षण देना “केंद्र सरकार के संरक्षण में हो रहे घोटाले” का संकेत है।
दिग्विजय की मांग
दिग्विजय सिंह ने मजबूरी जताई कि सभी बहाल हुई एजेंसियों पर तुरंत प्रकरण दर्ज कर स्वतंत्र जांच होनी चाहिए, ताकि जैविक कृषि व निर्यात की विश्वसनीयता बनी रहे।
आगे की प्रतिक्रिया
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने अभी तक इस पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मंत्री गोयल या संबंधित विभाग से जल्द बयान की उम्मीद है।