गरियाबंद में खौफनाक मंजर: आंगन में खेल रहे 4 साल के मासूम पर तेंदुए का हमला, दादा की बहादुरी से बची जान

राजेंद्र देवांगन
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गरियाबंद (छत्तीसगढ़): गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड स्थित कोठीगांव में सोमवार की शाम एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां घर के आंगन में खेल रहे महज 4 साल के मासूम प्रदीप नेताम पर एक तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। तेंदुआ बच्चे को अपने मुंह में दबाकर जंगल की ओर भागने लगा, लेकिन बच्चे के दादा की बहादुरी ने एक अनहोनी को टाल दिया।

दादा ने जान पर खेलकर बचाया पोते को

दर्शन नेताम के घर पर यह खौफनाक घटना शाम करीब 7 बजे घटी। जब बच्चे की चीखें सुनकर दादा दर्शन नेताम तुरंत बाहर आए, तो उन्होंने देखा कि एक तेंदुआ उनके पोते प्रदीप को अपने जबड़े में दबाकर जंगल की तरफ भाग रहा है। बिना अपनी जान की परवाह किए, दादा ने तुरंत तेंदुए का पीछा किया और अपनी हिम्मत और साहस से बच्चे को उसके चंगुल से छुड़ा लिया।

घर पर दादा-पोता थे अकेले, माता-पिता गए थे काम पर

घटना के समय मासूम प्रदीप के माता-पिता काम पर गए हुए थे और घर पर केवल दादा दर्शन नेताम और पोता प्रदीप ही मौजूद थे। तेंदुए के हमले में बच्चे के गले पर जबड़े के गहरे निशान आए हैं, जिनसे खून बह रहा था। बच्चे को तत्काल छुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

दादा की बहादुरी की पूरे क्षेत्र में चर्चा

बच्चे के दादा दर्शन नेताम ने बताया कि पोते की रोने की आवाज सुनकर वे बुरी तरह घबरा गए थे। बाहर निकलकर देखा तो तेंदुए ने प्रदीप को अपने जबड़े में जकड़ा हुआ था। उन्होंने बिना किसी डर के तेंदुए से भिड़कर अपने पोते को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। दादा दर्शन नेताम की इस बहादुरी की पूरे क्षेत्र में जमकर चर्चा हो रही है और उनके साहस की वजह से एक मासूम बच्चे की जान बच गई।

गांव में तेंदुए का दहशत, वन विभाग ने जारी की सतर्कता

बता दें कि इन दिनों कोठीगांव और आसपास के इलाकों में तेंदुए की आमद से ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है। इस घटना के बाद से ग्रामीण और भी ज्यादा सतर्क हो गए हैं और रात के समय अपने घरों को अच्छी तरह से बंद करके रख रहे हैं। फिलहाल तेंदुए की मौजूदगी उस गांव के जंगल में बनी हुई है।
अच्छी बात यह है कि तुरंत इलाज मिलने से बच्चे की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वहीं, वन विभाग ने क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वे रात के समय विशेष सावधानी बरतें और यदि तेंदुआ या कोई अन्य जंगली जानवर दिखाई दे, तो उससे सुरक्षित दूरी बनाए रखें।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)