बिलासपुर, 21 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रविवार को भीषण गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। तपती धूप और झुलसाती गर्म हवाओं ने अप्रैल में ही गर्मी के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस सीजन पहली बार अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.6 डिग्री अधिक रहा।
गर्म हवाओं ने झुलसाया, पानी तक उबालने लगा
रविवार सुबह 9 बजे के बाद से ही सूर्य की तपिश तेज हो गई थी। छतों की टंकियों का पानी गर्म हो गया और दोपहर में लू जैसे हालात बन गए। गर्म हवाओं के थपेड़ों से लोग बेहाल नजर आए। शाम ढलने के बाद भी गर्म हवाओं का असर बना रहा, और रात 8 बजे तक तापमान 26.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ सकता है, जिससे मई से पहले ही लू व हीटवेव की स्थिति बन सकती है। डॉक्टरों ने नागरिकों को दिन में घर से बाहर न निकलने, हल्के कपड़े पहनने और पानी पीते रहने की सलाह दी है।
2024 का रिकॉर्ड टूटा, 2010 की गर्मी की यादें ताजा
- 2024 में 19 अप्रैल को 42.4 डिग्री तापमान दर्ज हुआ था।
- 2023 में इसी तारीख को तापमान 43.4 डिग्री था।
- पिछले 10 वर्षों में अप्रैल का सबसे गर्म दिन 17 अप्रैल 2016 को था, जब पारा 44.7 डिग्री तक पहुंचा था।
- ऑल-टाइम रिकॉर्ड 19 अप्रैल 2010 का है, जब तापमान 45.8 डिग्री दर्ज हुआ था।
बिजली कटौती ने बढ़ाई बेचैनी
तेज गर्मी के बीच रविवार को सरकंडा, हेमू नगर, मंगला, तेलीपारा और शंकर नगर जैसे इलाकों में बार-बार बिजली कटौती होती रही। कूलर, पंखे और एसी बंद होने से खासतौर पर बुजुर्गों और बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्कूल खुले तो बच्चों पर आफत
सोमवार को स्कूल खुलने के चलते अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। सुबह से ही लू जैसे हालात शुरू हो जाते हैं, जिससे बच्चों का स्कूल आना-जाना जोखिम भरा हो सकता है। अभिभावकों ने प्रशासन से तत्काल स्कूलों को बंद कर गर्मी की छुट्टियों की घोषणा करने की मांग की है। लेकिन प्रशासन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं ले सका है।
गर्मी से बदल रही दिनचर्या
भीषण गर्मी के चलते आम लोगों की दिनचर्या भी बदल गई है। दिन के समय घरों से बाहर निकलना कम हो गया है और घरेलू कामकाज रात में किए जा रहे हैं। मटके का ठंडा पानी, नींबू पानी और छाछ जैसी पारंपरिक चीजें लोगों की पहली पसंद बन गई हैं।
सार्वजनिक स्थलों और पार्कों में भीड़ में कमी देखी जा रही है। सूर्यास्त के बाद ही शहर में थोड़ी रौनक लौटती है।