अनुराग कश्यप के ब्राह्मणों पर दिए गए एक बयान से बवाल मच गया है। सोशल मीडिया में हुए एक बहस के दौरान अनुराग कश्यप ने कहा, मैं ब्राह्मणों पर पेशाब करने की बात कह दी। कमेंट का स्क्रीनशॉट वायरल होते ही फिल्ममेकर अनुराग कश्यप विवादों से घिर गए।
अब भाजपा सांसद ने अनुराग कश्यप को सख्त नसीहत दी है। उन्होंने कहा है अगर भारत में रहना है तो भारत के साथ चलना होगा। सांसद ने कश्यप के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग भी की है। बृजमोहन ने रायपुर में मीडिया से चर्चा में कहा- कुछ लोग जाति, संप्रदाय के नाम पर विद्वेष फैलाना चाहते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए सबको ये समझ लेना चाहिए कि भारत के साथ चलना पड़ेगा
ये है पूरा मामला अनुराग कश्यप की फिल्म ‘फुले’ 11 अप्रैल को रिलीज होनी थी, हालांकि जातिवाद के आरोप लगने के बाद फिल्म का टालना पड़ा है। सेंसर बोर्ड ने भी फिल्म में कई बदलाव करवाए हैं। इसकी रिलीज में देरी और CBFC के बदलावों से परेशान होकर अनुराग ने केंद्र सरकार, ब्राह्मण समुदाय और सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन पर चंद पोस्ट शेयर की थीं। इसके बाद अनुराग कश्यप को सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा। अनुराग पर निशाना साधते हुए एक यूजर ने लिखा था- ब्राह्मण तुम्हारे बाप हैं, जितना तुम्हारी उनसे सुलगती, उतना तुम्हारी सुलगाएंगे। इसका जवाब देते हुए डायरेक्टर ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था।
विवाद बढ़ने के बाद अनुराग कश्यप ने माफी मांगी अनुराग ने विवाद के बाद कहा है- मैं माफी मांगता हूं, पर ये मैं अपनी पोस्ट के लिए नहीं बल्कि उस एक लाइन के लिए मांग रहा हूं, जिसको गलत तरह से लिया गया और नफरत फैलाई गई। कोई भी एक्शन या स्पीच आपकी बेटी, परिवार, दोस्त और जानने वालों से ज्यादा नहीं। उन्हें रेप की धमकी मिल रही है, जान से मारने की धमकी दी जा रही है। जो खुद को संस्कारी कहते हैं, वो लोग ये सब कर रहे हैं। तो कही हुई बात वापस नहीं ली जा सकती और न लूंगा, लेकिन मुझे जो गाली देनी है दो। मेरे परिवार ने न कुछ कहा है और न कहता है। इसलिए अगर मुझसे माफी ही चाहिए तो ये मेरी माफी है। ब्राह्मण लोग औरतों को बख्श दो, इतना संस्कार तो शास्त्रों में भी है, सिर्फ मनुवाद में नहीं है। आप कौन से ब्राह्मण हो तय कर लो? बाकी मेरी तरफ से माफी।
11 अप्रैल को रिलीज होनी थी फिल्म दरअसल, प्रतीक गांधी और पत्रलेखा स्टारर फिल्म फुले विवादों में घिरी हुई है। समाज सुधारक जोड़ी ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले की जिंदगी पर बनी इस फिल्म की रिलीज को टाल दिया गया था। फिल्म पहले 11 अप्रैल को रिलीज होनी थी। फिल्म पर जातिवाद फैलाने के इल्जाम लगाए गए।
विवादों के चलते फिल्म की रिलीज डेट 25 अप्रैल कर दी गई है। वहीं, सीबीएफसी ने इसे ‘यू’ सर्टिफिकेट दिया है। सेंसर बोर्ड ने मेकर्स को इसमें कई बदलाव करने के लिए भी कहा।
बता दें, फिल्म में सेंसर बोर्ड ने कई बदलाव करने के लिए मेकर्स को कहा था। फिल्म से ‘मांग’, ‘महर’, ‘पेशवाई’ जैसे शब्दों को हटवाया गया। साथ ही ‘3000 साल पुरानी गुलामी डायलॉग को भी बदलकर ‘कई साल पुरानी गुलामी’ करवा दिया गया था। फिल्म का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया है।