गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने रिश्वत लेते पकड़े गए राजस्व निरीक्षक (RI) संतोष कुमार चंद्रसेन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह निलंबन 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में रहने के बाद कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी द्वारा सिविल सेवा नियम 1966 के तहत किया गया।
50,000 रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया RI, साथी मौके से फरार
यह मामला 15 अप्रैल का है जब ग्राम आंदुल निवासी रंजीत राठौर (30) ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि ज़मीन के सीमांकन, बंटवारे और बेदखली जैसे राजस्व कार्यों के एवज में RI संतोष चंद्रसेन और उनके सहयोगी घनश्याम भारद्वाज ने उससे 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
शिकायतकर्ता ने रिश्वत मांगने की बातचीत का ऑडियो सबूत भी ACB को सौंपा था। पिछले चार महीनों से फाइल अटकी पड़ी थी और लगातार रिश्वत का दबाव डाला जा रहा था।
ACB ने रची योजना, रंगे हाथ पकड़ा आरोपी
ACB की टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की और 15 अप्रैल को गौरेला तहसील में RI संतोष चंद्रसेन को रंगे हाथ 50,000 रुपये लेते हुए पकड़ लिया। कार्रवाई बंद कमरे में घंटों चली। इसके बाद आरोपी को बिलासपुर ACB कार्यालय ले जाया गया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत गिरफ्तार किया गया।
इसी दौरान आरोपी घनश्याम भारद्वाज मौके से फरार हो गया। CCTV फुटेज के ज़रिये उसकी पहचान हो चुकी है और तलाश जारी है।
दूसरी बड़ी कार्रवाई, विभाग में हड़कंप
इस वर्ष गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में यह ACB की दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले जनपद पंचायत गौरेला के लोकपाल को भी रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
नवीनतम घटना से जिले के राजस्व महकमे में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट संदेश गया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में अब ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है।