शहडोल (बुढ़ार)। जिले के बुढ़ार में एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड सामने आया है, जहां दो युवकों ने खुद को गूगल पे का एजेंट बताकर दुकानदारों को झांसे में लिया और उनके नाम पर फर्जी बैंक खाते खोल दिए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
कैसे दिया गया ठगी को अंजाम
बुढ़ार के एक कॉफी शॉप के मालिक हीरेंद्र और उनके साथी अभिषेक इस साइबर जाल में फंसे। आरोपी आदित्य उर्फ संगम मिश्रा और ऋषि चौधरी खुद को गूगल पे एजेंट बताकर दुकान पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए क्यूआर कोड स्कैनर लगा रहे हैं।
इस बहाने उन्होंने हीरेंद्र और अभिषेक से आधार कार्ड और पैन कार्ड की फोटोकॉपी ले ली। इसके बाद चार दिन तक दुकान पर नहीं आए। 15 अप्रैल को जब दोनों दोबारा दुकान पर पहुंचे, तो उन्होंने बताया कि “आपके खाते में पैसे आ गए हैं।”
हीरेंद्र जब पास के कियोस्क सेंटर पर जाकर खाता चेक करवाने गए, तब उन्हें पता चला कि NSDL बैंक में उनके नाम से खाता खोला गया है। यही नहीं, अभिषेक के नाम से भी एक खाता बिना जानकारी के खोला गया था।
पुलिस की सतर्कता और कार्रवाई
बुढ़ार थाना प्रभारी संजय जायसवाल के अनुसार, यह एक सुनियोजित साइबर फ्रॉड है। पुलिस ने आदित्य और ऋषि को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि उनके गिरोह में और कौन शामिल हो सकते हैं और इन फर्जी खातों का क्या इस्तेमाल किया गया।
सावधानी जरूरी है
यह घटना एक बार फिर डिजिटल लेनदेन में सावधानी बरतने की चेतावनी देती है। ठग अक्सर डिजिटल प्लेटफॉर्म के नाम पर भरोसा जीतते हैं, और आम लोगों की जानकारी लेकर फर्जीवाड़ा करते हैं।
पुलिस की अपील :
- किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने दस्तावेज की फोटोकॉपी न दें।
- डिजिटल उपकरण या स्कैनर लगाने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
- किसी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत नजदीकी थाने या साइबर सेल को दें।