छतरपुर। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। एक व्यक्ति तीन पहिया वाहन में सवार होकर नशे की हालत में नाबालिग बच्चों से सड़कों पर भीख मंगवाता पाया गया। घटना शुक्रवार दोपहर छत्रसाल चौराहे की है, जहां स्थानीय नागरिकों ने इस शर्मनाक करतूत को देखा और तत्परता दिखाते हुए पुलिस को सूचना दी।
स्थानीय लोगों की सतर्कता से हुआ पर्दाफाश
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आरोपी रहीस बहेलिया बच्चों को बिना चप्पल के तपती सड़कों पर दौड़ाता रहा और दुकानों के सामने भीख मंगवाता रहा। कुछ राहगीरों ने जब बच्चों की हालत देखी तो उन्होंने तुरंत कोतवाली और सिविल लाइन थाना पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को हिरासत में लिया और बच्चों को भी संरक्षण में ले लिया।
नशे में धुत, दो साल से कर रहा था यह कृत्य
स्थानीय दुकानदार रामप्रसाद ने बताया कि रहीस बहेलिया पिछले दो सालों से इसी तरह बच्चों का शोषण करता आ रहा है। वह नशे में धुत होकर बच्चों से रिक्शा में धक्का लगवाता और फिर दुकानों के सामने उन्हें भीख मांगने के लिए मजबूर करता है।
पहले भी हो चुकी है शिकायतें, लेकिन नहीं हुई थी कार्रवाई
राहगीर गुड्डा सेन ने आरोप लगाया कि इस व्यक्ति की कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। “अगर समय पर सख्ती बरती जाती, तो बच्चों का भविष्य यूं अंधेरे में न धकेला जाता,” उन्होंने कहा।
पुलिस व CWC ने संभाली कमान
कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद कुजूर ने जानकारी दी कि रहीस बहेलिया को हिरासत में ले लिया गया है और बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के सुपुर्द करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि आरोपी के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम और मानव तस्करी निरोधक कानूनों के तहत सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा।
कानूनी पहलू और समाज की जिम्मेदारी
इस मामले ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर प्रशासन और समाज कितना सजग है? बाल अधिकारों का संरक्षण सिर्फ सरकारी दस्तावेजों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि जमीनी हकीकत में भी दिखना चाहिए।
समाप्ति
बच्चों का बचपन भीख मांगते नहीं, पढ़ते-खेलते और सुरक्षित माहौल में बीतना चाहिए। यह समाज, प्रशासन और हर जागरूक नागरिक की साझा जिम्मेदारी है कि ऐसे शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई जाए।

ब्यूरो चीफ – मध्यप्रदेश