सरगुजा जिले के उदयपुर में एंबुलेंस लेट पहुंचने की वजह से एक नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजन 108 एंबुलेंस का घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन मदद नहीं पहुंच सकी।
क्या है मामला?
सरगुजा ज़िले के ग्राम मृगाडांड (उदयपुर ब्लॉक) की रहने वाली दुर्गावती पंडो, जो विशेष जनजातीय वर्ग से ताल्लुक रखती हैं, को 16 अप्रैल की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। गांव की मितानिन ने तुरंत महतारी एक्सप्रेस 102 एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन वाहन समय पर नहीं पहुंचा।
मजबूरी में मितानिन ने घर में ही डिलीवरी करवाई। डिलीवरी के बाद नवजात की हालत बिगड़ने लगी और तब जाकर महतारी एक्सप्रेस से मां और नवजात को उदयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) लाया गया।
108 एंबुलेंस का 4 घंटे तक इंतजार, फिर नवजात की मौत
अस्पताल में डॉक्टरों ने नवजात की स्थिति को गंभीर मानते हुए उसे तुरंत अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया। मितानिन और परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया लेकिन वाहन 4 घंटे बाद भी नहीं पहुंचा। इसी दौरान नवजात की तबियत और बिगड़ती चली गई और अंत में उसकी मौत हो गई।
परिवार की आर्थिक स्थिति ने बढ़ाई मुश्किलें
नवजात के पिता तुलेश्वर पंडो ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वे निजी वाहन का खर्च उठा सकें। “अगर समय पर एंबुलेंस मिल जाती, तो शायद हमारे बच्चे की जान बच जाती,” उन्होंने दुख जताया।
जांच की बात कह रहे अधिकारी
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. योगेंद्र पैकरा ने कहा कि एंबुलेंस देर से क्यों पहुंची, इसकी जांच की जाएगी। लापरवाही पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
क्यों ज़रूरी है समय पर एंबुलेंस सेवा?
ग्रामीण इलाकों में 108 और महतारी एक्सप्रेस सेवाएं ही एकमात्र सहारा होती हैं। समय पर चिकित्सा सुविधा ना मिलने पर कई बार ऐसे दर्दनाक हादसे सामने आते हैं। यह घटना सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े करती है।

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