बिलासपुर।कहते हैं डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है लेकिन कभी-कभी यही भगवान जल्लाद बन जाता है। इलाज के दौरान मरीज को ठीक करने की जगह ऐसे डॉक्टर मर्ज को बढ़ा देते हैं और कभी-कभी तो मरीज की जिंदगी तबाह कर देते हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां बिलासपुर के इमली पारा स्थित वेगस हॉस्पिटल के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अंकित ठकराल पर बेहद गंभीर आरोप लग रहे हैं। पौंसरा निवासी कान्हा सूर्यवंशी के नाक में एक मस्सा था, जिसमें से खून निकलने की शिकायत होने पर वे इलाज के लिए सिम्स पहुंचे। यहां पर मौजूद चिकित्सकों ने उसे सीटी स्कैन कराने की सलाह दी , लेकिन सीटी स्कैन कराने के बाद मरीज सिम्स जाने की बजाए इमली पारा स्थित वेगस हॉस्पिटल जा पहुंचा।
यहां उनका इलाज ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अंकित ठाकरार करने लगे। शुरुआती जांच के बाद डॉक्टर ने कान्हा को ऑपरेशन की सलाह दी। डॉक्टर के कहने पर कान्हा ने अपना ऑपरेशन कराया ।ऑपरेशन के बाद भी समस्या जस की तस बनी रही । मरीज एक बार फिर डॉ ठकराल के पास पहुंचा जिन्होंने एक के बाद एक और फिर एक के बाद एक करते हुए 5 ऑपरेशन कर डाले लेकिन समस्या दूर नहीं हुई। शायद इससे डॉ ठकराल इस कदर झुंझला गए कि छठी बार ऑपरेशन के दौरान उन्होंने मरीज की एक आंख ही निकाल डाली ।ऑपरेशन के दौरान तो मरीज को कुछ पता नहीं चला लेकिन जब एनेस्थीसिया का असर खत्म हुआ तो मरीज को दर्द का एहसास हुआ लेकिन आंख पर पट्टी होने के कारण उसे असलियत का पता नही चला। कान्हा सूर्यवंशी के होश तो उस वक्त उड़ गए जब उन्होंने इस संबंध में डॉक्टर से चर्चा की तो डॉक्टर ने बड़े ही कैजुअल ढंग से बताया कि हां ऑपरेशन के दौरान उसकी एक आंख निकालनी पड़ी, लेकिन एक आंख गंवाने के बाद भी कान्हा सूर्यवंशी के नाक के मस्से से खून निकलने की समस्या जस की तस रही । जब डॉक्टर अंकित ठकराल से कान्हा का इलाज नहीं हो पाया हो पाया तो वे मरीज को लेकर एम्स पहुंचे और वहां उसे भर्ती करा कर भाग आये। एक मामूली से मस्से के इलाज में कान्हा सूर्यवंशी ने लाखों रुपए खर्च कर दिए। यहां तक कि अपनी एक आंख भी गंवा दी । बताया जा रहा है कि पति की इस हालत को देखकर सदमे में कान्हा की पत्नी की भी मौत हो गई । अब अपनी एक आंख गंवा चुके कान्हा पर ही 3 बच्चों के देखभाल की जिम्मेदारी भी आ गई है। अब तो कान्हा सूर्यवंशी और उनके परिजनों ने डॉक्टर अंकित ठकराल पर आंख बेचने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मरीज की आंख निकालने से पहले ना तो उससे और ना हीं परिवार के किसी सदस्य से इस संबंध में अनुमति ली गई थी और ना ही उन्हें इस बड़े फैसले से पहले कुछ बताया गया था।
आरोप तो यह भी है कि अपनी गलती छुपाने डॉ ठकराल किसी तरह के कागज देने से भी इंकार कर रहे हैं। दरअसल एम्स में डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों से इलाज से संबंधित फाइल मांगा तो डॉ ठकराल ने फाइल लेने की जगह परिजनों को अस्पताल से ही भगा दिया। इस मामले में सीएमएचओ प्रमोद महाजन से भी शिकायत की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी पत्र लिखकर डॉक्टर की करतूतों से अवगत कराया गया हैं। एक तरफ मरीज को बार बार दिलासा देते हुए अनाड़ी चिकित्सक द्वारा ऑपरेशन किया गया और फिर नाक के ऑपरेशन में आंख निकाल देने के हैरान करने वाले कारनामे को अंजाम दिया गया । अब ऐसे चिकित्सक का लाइसेंस रद्द करने के साथ उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। आईएमए को भी ऐसे चिकित्सक पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए जिन्होंने एक मरीज को प्रयोगशाला बना डाला । इलाज के नाम पर मरीज को ही गिनी पिग समझकर उस पर तरह-तरह के प्रयोग किए गए और अब उसे मरने के लिए उसके हाल पर छोड़ दिया गया है। कुल मिलाकर एक चिकित्सक की गलती से पूरा परिवार तबाह होता नजर आ रहा है। पति जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। पत्नी की मौत हो चुकी है। 3 बच्चे बेसहारा है। ऐसे में कान्हा को काना बनाने वाले डॉक्टर को कैसे कोई भगवान कहे ? यहां तो डॉक्टर अंकित ठकराल किसी जल्लाद से कम नजर नहीं आ रहे।
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