महादेव सट्टा ऐप केस: छत्तीसगढ़ ईडी की जयपुर में बड़ी कार्रवाई, ड्राई-फ्रूट व्यापारी के घर से दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत जब्त, 4 राज्यों में 60 ठिकानों पर छापेमारी

राजेन्द्र देवांगन
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महादेव बेटिंग ऐप केस: जयपुर में ईडी की छापेमारी, चार राज्यों में 60 ठिकानों पर एक्शन

जयपुर के सोडाला इलाके में ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर ईडी की रेड

छत्तीसगढ़ ईडी की टीम ने बुधवार को राजस्थान की राजधानी जयपुर में महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की। टीम ने सोडाला स्थित एपल रेजीडेंसी में भरत दाधीच नामक ड्राई फ्रूट व्यापारी के फ्लैट पर छापा मारा। इस दौरान दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत बरामद हुए।

चार राज्यों में एकसाथ ईडी का एक्शन

ईडी की कार्रवाई केवल जयपुर तक सीमित नहीं रही। महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मामले में मध्य प्रदेश (भोपाल), पश्चिम बंगाल (कोलकाता), दिल्ली और राजस्थान में कुल 60 स्थानों पर एकसाथ छापेमारी की गई। जयपुर से मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिप्टो करेंसी और शेल कंपनियों से जुड़े सबूत सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई।

प्रभावशाली लोग ईडी के रडार पर

सूत्रों के मुताबिक, कई बड़े नेताओं, वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस अधिकारियों और महादेव बुक के संचालकों के ठिकानों पर छापे मारे गए। जयपुर के कई प्रमुख व्यापारी भी इस जांच के घेरे में हैं, जिनके खाते महादेव ऐप से जुड़े पाए गए हैं।


महादेव बुक: जूस बेचने वाले से अरबों के सट्टेबाज तक की कहानी

भिलाई का सौरभ चंद्राकर बना सट्टा नेटवर्क का मास्टरमाइंड

छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी सौरभ चंद्राकर कभी एक जूस की दुकान चलाता था। उसका दोस्त रवि उप्पल एक इंजीनियर था। दोनों ने मिलकर 2017 में ऑनलाइन सट्टेबाजी से पैसा कमाने का प्लान बनाया। शुरुआत में वेबसाइट से बहुत कम आमदनी हुई।

2019 में सौरभ दुबई चला गया और कुछ समय बाद रवि को भी वहां बुला लिया। इसके बाद दोनों ने मिलकर “महादेव बुक ऑनलाइन बेटिंग ऐप” बनाया और सोशल मीडिया व इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के ज़रिए इसका प्रचार शुरू किया।

करोड़ों का अवैध कारोबार

इस ऐप के जरिए क्रिकेट, फुटबॉल सहित कई खेलों पर सट्टा लगाया जाता है और इसका नेटवर्क पूरे भारत में फैला हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पहले भी इस मामले में करोड़ों की संपत्ति जब्त कर चुकी है और कई गिरफ्तारियां भी हो चुकी हैं।


आने वाले दिनों में और खुलासों की संभावना

ईडी को जयपुर से कई दस्तावेज़ और डिजिटल सबूत मिले हैं जो इस सट्टेबाजी रैकेट से जुड़े प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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