MP-हाईकोर्ट आदेश की अवमानना करने पर  PWD के चीफ इंजीनियर पर 1 लाख का जुर्माना, विभागीय जांच के भी आदेश….

Babita Sharma
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जबलपुर।  पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर एस.सी. वर्मा को हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करना महंगा पड़ गया। दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण के मामले में आदेश का पालन न करने पर कोर्ट ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही, उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग को तीन महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने कहा था कि जब दैनिक वेतन भोगी को स्थायी कर्मी बना दिया गया है, तो उनके नियमितीकरण के लिए उमादेवी प्रकरण के तहत कार्रवाई करें।

चीफ इंजीनियर ने अदालत से की धोखाधड़ी

दरअसल, हाईकोर्ट ने दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण के मामले में एक आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जिन दैनिक वेतन भोगियों को स्थायी कर दिया गया है, उनके नियमितीकरण के लिए उमादेवी प्रकरण के अनुसार कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने इस बारे में रिपोर्ट भी मांगी थी। चीफ इंजीनियर एस.सी. वर्मा ने बिना सोचे-समझे एक रिपोर्ट पेश कर दी। उन्होंने कहा कि सभी दैनिक वेतन भोगियों को नियमित कर दिया गया है।

जुर्माने के साथ विभागीय जांच के आदेश

इस पर हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने नाराजगी जताई। उन्होने चीफ इंजीनियर पर कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग को चीफ इंजीनियर के खिलाफ तीन महीने में विभागीय जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, चीफ इंजीनियर पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह पहली बार है जब किसी चीफ इंजीनियर पर जुर्माना लगाया गया है और उनकी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।

पीडब्ल्यूडी के प्रभारी को भी किया तलब

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी के प्रभारी ईएनसी के.पी.एस. राणा को भी तलब किया गया था। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अदालत से धोखाधड़ी और गुमराह करने पर विभाग के चीफ इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी के एसीएस को निर्देश दिए हैं कि वे तीन महीने में जांच पूरी कर हाईकोर्ट रजिस्ट्री में रिपोर्ट पेश करें। चीफ इंजीनियर को जुर्माना अपनी जेब से देना होगा। जुर्माने की यह राशि हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी, जबलपुर के खाते में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने दो सप्ताह के भीतर पूर्व के आदेश का पालन करने के भी निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं होगा तो अगली सुनवाई के दौरान इंजीनियर इन चीफ को फिर से हाजिर होना होगा।

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ब्यूरो चीफ - मध्यप्रदेश