बिलासपुर। व्यवसायी का अपहरण कर फिरौती मांगने और लूटपाट करने वाले तीन आरोपियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही, एक हजार रुपये ज़ब्त किए गए हैं। तकरीबन ढाई साल पहले हिर्री इलाके में हरदी मुख्य सड़क पर, 14 मार्च 2018 को बेमेतरा के बाजारपारा, मो। साबिर शेखानी (39) अपनी कार सीजी 07 एमबी 8301 में सवार होकर बिलासपुर आए थे। एक व्यापारी साबिर कपड़ा खरीदकर घर लौट रहा था। रात 10.30 बजे के आसपास, हिर्री क्षेत्र के हरदी इलाके में दुर्गा ढाबा के पास स्विफ्ट डिजायर कार क्रमांक सीजी 10/2236 में सवार युवकों को ओवरटेक कर रोका गया। कार में तीन युवक सवार थे। जैसे ही व्यवसायी ने कार रोकी, युवक जबरन उसकी कार में घुस गया और उसे बंधक बना लिया।
फिर उन्होंने उसे पीछे की सीट पर बांध दिया और उसे रायपुर की ओर ले जाने लगे। रास्ते में युवकों द्वारा उनकी पिटाई भी की गई। इस दौरान उन्होंने उससे नकदी और मोबाइल लूट लिया और जान से मारने की धमकी देते हुए पांच लाख रुपये फिरौती की मांग करने लगे। अपहरणकर्ताओं ने उनके भाई से बात की। तब साबिर ने अपने दोस्त की दुर्घटना की खबर बताई और युवक को घर भेजकर पैसे चुकाए। इसके बाद अपहरणकर्ता उसके घर पहुंचे और साबिर के भाई से एक लाख रुपये की फिरौती मांगी।
एक लाख रुपये प्राप्त करने के बाद, अपहरणकर्ता साबिर को भाटापारा रोड पर लिमतारा तिराहे के पास छोड़कर भाग गए। इस मामले में, पुलिस साजिश और अपहरण और लूट का अपराध दर्ज करके जांच कर रही थी। इस दौरान, पुलिस मूल रूप से आदित्य किस्तोफ़र उर्फ ईलु उर्फ अन्ना पिता चेन्नई स्व डी प्रकाश किस्तोफ़र (26) रायपुर के पंडरी में रहती है।
उसने अपने दो साथियों संदीप उर्फ संजू गोस्वामी पिता स्व श्रीराम गोस्वामी (28) और नरेश सिंह उर्फ मोना चौहान, पिता चुन्ना सिंह चौहान (28) के साथ मिलकर अपहरण और लूट की घटना को अंजाम देने की साजिश रची। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, हिरी पुलिस ने उनके खिलाफ चालान पेश किया। तब से परीक्षण चल रहा है। पांचवें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रंजू राउतराय ने तीनों अभियुक्तों को दोषी ठहराया