रायपुर प्रदेश की भाजपा सरकार अवैध शराब बिक्री को रोकने के लिए नया मास्टर प्लान बना रही है। प्लान के मुताबिक 674 शराब दुकानें संचालित है। जिसमें 10 फीसदी शराब दुकानें बढ़ाने की योजना है। यानी प्रत्येक जिलों में दो-दो शराब दुकानें बढ़ाई जा सकती है। ताकि उन गांवों में अवैध शराब की बिक्री बंद हो सके और मदिरा प्रेमी सरकारी शराब दुकानों से शराब खरीद सकें। इससे न केवल सरकार के राजस्व की आय में बढ़ोतरी होगी।
मदिरा प्रेमियों के लिए खुशखबरी
वहीं दूसरी ओर अवैध शराब बिक्री भी थमेगी। इसके लिए उन गांवों का चयन किया जाएगा। जो अपने ग्राम पंचायत या नगरीय निकाय सरकार को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दे। यदि कोई पंचायत या निकाल लिखकर नहीं देगा तो उस गांव या निकाय में नई शराब दुकान नहीं खुलेगी।
खुलेंगी नई शराब दुकान, राजस्व की आय में होगी बढ़ोतरी
वहीं सरकार की यह भी मंशा है कि नई शराब दुकान तभी खुलेगी जहां से अच्छी आमदनी हो सके और दुकान खोलने में सरकार को नुकसान न हो बल्कि फायदा हो सके। इसके लिए प्रत्येक सहायक आयुक्त से राय ली जा रही है और उनसे ऐसे ग्राम पंचायतों को चयन करने के लिए काम भी सौंप दिया है।
जांजगीर चांपा जिले में 48 देसी विदेसी व प्रिमियम शराब दुकानें संचालित है। 46 देसी व विदेसी शराब दुकानों के आधे दुकान में मल्टी यानी देसी व विदेशी मिलाकर दोनों तरह की शराब बिक्री की जाती है। तो वहीं एक-एक प्रिमियम वाइन शॉप जांजगीर व चांपा में स्थित है। इतनी दुकानों में सालाना तकरीबन 200 करोड़ रुपए की आय होती है।
विभाग ने 10 प्रतिशत दुकान बढ़ाने का निर्णय लिया
जिले में एक-दो नई शराब दुकान खुल सकती है। बशर्ते इसके लिए पंचायत या निकायों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जाएगा। तभी नई शराब दुकान खुलेंगी।
1 अप्रैल से लागू होगी नई शराब नीति
किसी के आपत्ति होने पर वहां शराब दुकान नहीं खोली जाएगी। इसके अलावा नई शराब दुकान तभी खुलेगी जब वहां लक्ष्य के मुताबिक भरपूर राजस्व आय हो सके। सरकार इसके लिए एक अप्रैल से नई योजना बना रही है। – एआर सिदार, सहायक आयुक्त आबकारी