बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) में एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। यहां स्टाफ ने एक स्वस्थ गर्भवती महिला को गलती से अबॉर्शन का इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उसके 5 महीने का गर्भ खराब हो गया। पीड़िता ने बताया कि वह पेट दर्द का इलाज कराने अस्पताल आई थी, लेकिन उसे गलत इंजेक्शन दे दिया गया।
अस्पताल प्रसाशन की बड़ी लापरवाही,
घटना की जानकारी के अनुसार, पीड़िता गिरिजा साहू (24 वर्ष), जो कोटा क्षेत्र के करगीकला गांव की निवासी हैं, 5 महीने की गर्भवती थीं। उन्हें पेट दर्द की शिकायत थी, जिसके इलाज के लिए वे गुरुवार को अपने पति बद्री साहू के साथ छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) पहुंचीं। अस्पताल में भर्ती होने के बाद स्टाफ ने गलती से उन्हें अबॉर्शन का इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उनका गर्भपात हो गया।
गलत इंजेक्शन लगाने से महिला का गर्भपात, जानें पूरा मामला
पीड़िता गिरिजा साहू ने बताया कि अस्पताल में एक अन्य गर्भवती महिला कविता भी भर्ती थी, जिसे अबॉर्शन का इंजेक्शन लगाना था। लेकिन स्टाफ ने गलती से उसे यह इंजेक्शन लगा दिया। गिरिजा का कहना है कि इंजेक्शन लगते ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और ब्लीडिंग शुरू हो गई। इसके बाद उसका गर्भपात हो गया।
परिजनों ने उठाए सवाल, मांगी कार्रवाई
घटना के बाद गिरिजा के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया। उनका आरोप है कि स्टाफ की लापरवाही के कारण गर्भपात हुआ है। परिजनों ने दोषी स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
डॉक्टर ने लापरवाही से किया इनकार
अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में अपना रुख स्पष्ट किया है। स्त्री रोग विभाग की HOD डॉ. संगीता जोगी ने लापरवाही के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महिला का इलाज उसकी रिपोर्ट के आधार पर किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि अगर 24 घंटे के अंदर सही इलाज नहीं होता, तो महिला की जान को खतरा हो सकता था।
सख्त कार्रवाई की मांग
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने कहा कि अगर महिला को गलत इंजेक्शन लगाया गया है, तो इसकी जांच कराई जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच में लापरवाही साबित होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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