मुंगेली के युवा किसान की कहानी बनी प्रेरणा, आधुनिक तकनीकों से बढ़ा रहा आय
मुंगेली, 11 मार्च 2025// देश में जहां बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनी हुई है, वहीं छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के ग्राम दाऊकापा के रहने वाले घनश्याम ने अपनी मेहनत और दूरदृष्टि से बागवानी फसल को अपनी सफलता की कुंजी बना लिया है। एक समय सरकारी नौकरी के सपने देखने वाला घनश्याम आज बागवानी की खेती से सालाना 20 से 25 लाख रुपये कमा रहा है और कई अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहा है।
बेरोजगारी से खेती तक का सफर घनश्याम ने बीएससी गणित की पढ़ाई पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। छोटे-मोटे व्यवसाय करने का भी प्रयास किया, मगर उसमें भी कोई विशेष उपलब्धि हासिल नहीं हुई। हताश होने के बजाय उसने उद्यान विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और बागवानी खेती की संभावनाओं के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों ने तार फेंसिंग, ड्रिप सिंचाई पद्धति और मल्चिंग विधि जैसी आधुनिक तकनीकों के बारे में बताया, साथ ही सब्सिडी योजनाओं की जानकारी दी। घनश्याम ने इन योजनाओं का लाभ उठाकर चार साल पहले बागवानी खेती की शुरुआत की।

पहली फसल से आत्मनिर्भरता की ओर घनश्याम ने पहले एक हेक्टेयर में बैंगन की खेती की, जिससे उसे अच्छी आमदनी हुई। फिर उसने अपनी कमाई को खेती में निवेश कर अन्य फसलें जैसे टमाटर, खरबूज, तरबूज और खीरा की खेती शुरू की। आज वह अपनी खुद की जमीन और लीज पर ली गई 15 एकड़ भूमि में आधुनिक तरीके से बागवानी कर रहा है। घनश्याम न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बना बल्कि उसने 10 स्थानीय युवाओं और महिलाओं को रोजगार भी दिया है। इसके अलावा, वह गाँव के गरीब परिवार की बेटियों की शादी में मुफ्त सब्जियाँ देता है और किसी के निधन पर उनके परिवार को खाद्य सहायता प्रदान करता है।
तकनीक और नवाचार का उपयोग घनश्याम खेती में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे उसकी लागत कम और उत्पादन ज्यादा हो रहा है। वह जैविक खादों को प्राथमिकता देता है, ताकि उपभोक्ताओं को स्वस्थ और पोषक उत्पाद मिल सकें। अपनी सफलता को अन्य किसानों तक पहुँचाने के लिए घनश्याम ने एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया, जहाँ वह बागवानी और आधुनिक कृषि तकनीकों से जुड़ी जानकारी साझा करता है। इससे अन्य किसान भी बागवानी की ओर आकर्षित हो रहे हैं और घनश्याम को यूट्यूब से अतिरिक्त आय भी हो रही है। घनश्याम का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति ठान ले, तो खेती से अच्छा कोई व्यवसाय नहीं। वह मानता है कि अगर सही तकनीक और मेहनत के साथ खेती की जाए, तो यह एक लाभदायक व्यवसाय बन सकता है।
सरकार की योजनाओं का मिला लाभ उद्यान विभाग के सहायक संचालक भगवती साहू ने बताया कि सरकार किसानों के लिए कई योजनाएँ चला रही है, जिनमें तार फेंसिंग, मल्चिंग और ड्रिप सिंचाई पद्धति जैसी सुविधाओं पर सब्सिडी दी जाती है। घनश्याम ने इन योजनाओं का लाभ लेकर अपनी तकदीर खुद लिखी है। घनश्याम की कहानी आज अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन रही है। यह साबित करता है कि अगर सही सोच, सही तकनीक और मेहनत के साथ खेती की जाए, तो यह भी एक शानदार कैरियर विकल्प हो सकता है। खेती अब सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक आधुनिक व्यवसाय बन रही है, और घनश्याम जैसे युवा किसान इसका बेहतरीन उदाहरण हैं।
