छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सार्वजनिक सड़कों पर होने वाले अव्यवस्थित आयोजनों और यातायात बाधा को लेकर सख्त रुख अपनाया है. हाल ही में राजधानी रायपुर में सड़क रोककर जन्मदिन मनाने और केक काटने की घटना के बाद हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने इस तरह की घटनाओं पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
कोर्ट ने जताई नाराजगी, सवाल उठाए
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सड़कों पर इस तरह के आयोजनों में राजनीतिक और व्यावसायिक व्यक्तियों की संलिप्तता चिंताजनक है. अदालत ने टिप्पणी की कि क्या ऐसे लोग समाज के लिए सही उदाहरण पेश कर रहे हैं? यदि इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज किया गया तो आम जनता भी इसी प्रकार आचरण करने लगेगी. इससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
हुड़दंग करने वालों पर हाईकोर्ट सख्त,
पुलिस महानिदेशक ने दाखिल किया हलफनामा
राज्य के महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने अदालत को बताया कि 20 फरवरी को दिए गए आदेश के अनुपालन में पुलिस महानिदेशक ने 7 मार्च को अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर दिया है. साथ ही, 28 फरवरी को एक परिपत्र जारी कर सार्वजनिक सुरक्षा, सुविधा और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. परिपत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक सड़क पर उपद्रव करने और यातायात बाधित करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
घटनाओं पर नियंत्रण के लिए पुलिस को सख्त निर्देश
हालांकि, हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 28 फरवरी को जारी परिपत्र के बावजूद 2 मार्च 2025 को इसी तरह की एक और घटना सामने आई. आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया गया. अदालत ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अधिक सतर्क और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए.
कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को आदेश दिया कि वे पुलिस विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों (जिनमें एडीजी, रेंज आईजी, एसएसपी और सभी जिलों के एसपी शामिल) को स्पष्ट निर्देश जारी करें. ये अधिकारी अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देंगे, ताकि सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी गैरकानूनी गतिविधि न हो और यातायात बाधित न हो.
त्योहारी सीजन को देखते हुए विशेष सतर्कता के आदेश
कोर्ट ने विशेष रूप से कहा कि आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए राज्य को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी किसी भी परिस्थिति में सड़कों पर इस तरह की अवैध गतिविधियों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे समाज में शांति और सौहार्द प्रभावित होता है.
साथ ही, अदालत ने मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ सरकार को सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी करने के आदेश दिए हैं. मुख्य सचिव को अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया गया है.
अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी
हाईकोर्ट ने इस मामले में आगे की निगरानी के लिए अगली सुनवाई की तिथि 24 मार्च 2025 निर्धारित की है. अदालत ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन यातायात व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

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