बिलासपुर/ जांजगीर। जांजगीर थाने का एएसआई आर.पी.बघेल खुले आम रिश्वत लेते कैमरे में कैद हुआ है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने एएसआई को तत्काल निलंबित कर दिया है। एएसआई ने लेन-देन में उच्चाधिकारियों को भी बातचीत के दौरान लपेटे में ले लिया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर रेंज के आईजी रतन लाल डांगी ने जांजगीर चाम्पा एसपी पारुल माथुर को टीआई और ASI को हटाने के निर्देश दिए है वही आईजी ने दोनों के खिलाफ राजपत्रित अधिकारी से जांच कराने के निर्देश भी दिए है। आपको बता दे कि मामला जांजगीर थाने का है जहाँ 12 सितम्बर 2020 को रांची से बिलासपुर जा रहा ट्रक ट्राफिक सिग्नल पर खड़ा था। उसी दौरान ट्रक के पिछले चक्के के चपेट में आने से एक बच्ची दुर्घटना ग्रस्त होकर घायल हो गई थी। भीड़ के डर से ट्रक चालाक ट्रक लेकर सीधे थाने पहुंचा और अपनी गाड़ी वहाँ खड़ी कर दिया। काफी देर तक मामले की कोई शिकायत ना होने पर थाना प्रभारी ने ट्रक चालक से रुपये लेकर उसे जाने दिया। जांजगीर थाने में उक्त मामले की शिकायत पर 4 अक्टूबर 2020 को एफआईआर दर्ज किया गया जिस पर वाहन को जप्त करने वाहन स्वामी को लगातार थाने से कॉल किया जा रहा था। वाहन स्वामी ने 23 जनवरी 2021 को सुबह 9 बजे ट्रक को नागपुर से रांची जाते वक्त थाने में जप्त करवाया। ट्रक में करीब 12 लाख का चना दाल भरा हुआ था जिसपर स्वामी ने ट्रक को जल्द चालान पेश करने का निवेदन किया जिससे कि, वह ट्रक को सुपुर्दनामे में ले सके। मामले के विवेचना अधिकारी एएसआई आर.पी.बघेल ने ट्रक का चालान कोर्ट में जल्द जमा करने के एवज में संचालक से एक लाख रुपये की माँग की। जब लेनदेन की बात नहीं बनी तब एएसआई ने ट्रक संचालक जो की नागपुर से आया हुआ था उसे 25 जनवरी को आने कहा। ट्रक संचालक 25 जनवरी को फिर जांजगीर पहुँचा जिस पर एएसआई ने पुनः मामले में लेनदेन की बात करते हुए उच्च अधिकारियों को भी हिस्सा देने की बात कही। ट्रक संचालक द्वारा उतनी राशि देने में असमर्थता व्यक्त करने पर पहले तो 12 हजार रुपये ले लिए बाद में अधिकारी के द्वारा कम होने की बात कहते हुए और 18 हजार और लिए। इस दौरान एएसआई ने मामले में चालान पेश करने और कितना पैसा लेना है की बात थाना प्रभारी से भी अपने मोबाइल से की। 30 हजार की राशि ले लेने की बावजूद भी सरकारी वकील और फोटोकापी के नाम पर अलग से राशि की माँग की। ट्रक संचालक ने एएसआई की मांग पर उसे 3 हजार रुपये और दिया लेकिन फोटोकापी के नाम पर माँगी गई 1 हजार रुपये की अतिरिक्त नहीं दी। जिसपर एएसआई ने उसे 27 जनवरी को आने कहा। परन्तु 27 जनवरी को भी उसने कार्यवाही पूरी नहीं की और दो दिन बाद 29 जनवरी को वाहन का चालन पेश किया जिसके बाद आवेदक ट्रक संचालक को न्यायालय से ट्रक सुपुर्दनामे में मिल सकी। इस पूरे मामले में ट्रक संचालक के साथ गए भिलाई के ट्रांसपोटर सुखवंत सिंह ने पूरे वाक्ये का वीडियो बना लिया था। सुखवंत सिंह ने जांजगीर से लौटने के बाद आज इसका खुलासा कर दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की माँग की है।
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