विधानसभा में खाद्य मंत्री पर विपक्ष का तीखा हमला, स्पीकर ने संभाली कमान

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

रायपुर । मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान खाद्य मंत्री दयालदास बघेल को विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। विपक्षी विधायकों सुशांत शुक्ला, इंद्र साव और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के सवालों पर मंत्री बघेल घिरते नजर आए। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को भी हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन विपक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया।

राशन कार्ड घोटाला : एपीएल से बीपीएल में कैसे बदले कार्ड?

बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने आरोप लगाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में 57 नए राशन कार्ड बने, जबकि 2022 से 2025 के बीच राशन कार्ड का वितरण नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अफसरों ने एपीएल कार्डधारकों के नाम पर फर्जी बीपीएल राशन कार्ड बनाए और दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

मंत्री बघेल ने जवाब में कहा कि एपीएल से बीपीएल कार्ड में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। उन्होंने सफाई दी कि पहले एपीएल को निरस्त किया गया, फिर पात्रता के अनुसार बीपीएल कार्ड बनाए गए। इस पर सुशांत शुक्ला ने आपत्ति जताई और मध्य प्रदेश के सागर जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि 1300 फर्जी राशन कार्ड बनाए गए थे, जिन्हें बाद में निरस्त किया गया।

अमानक बारदाना का मुद्दा गरमाया

भाटापारा विधायक इंद्र साव ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के तरेंगा खरीदी केंद्र में अमानक बारदाना के उपयोग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने स्वयं जांच के दौरान यह अनियमितता पकड़ी थी, जिसमें बारदाना का वजन केवल 480 ग्राम निकला। उन्होंने आरोप लगाया कि जूट कारखाना संचालकों को बचाने के लिए विभागीय अधिकारी लीपापोती कर रहे हैं।

“मुझे पक्का विश्वास है, बारदाना अमानक है” – डॉ. चरणदास महंत

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा में मंत्री बघेल से मांग की कि इस मामले की जांच के लिए विधायकों की एक समिति गठित की जाए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मंत्री को निर्देश दिया कि वे इस मामले की जांच करवाएं और रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करें। इस पर डॉ. महंत ने जोर देकर कहा, “मुझे कोई आशंका नहीं, बल्कि पक्का विश्वास है कि बारदाना अमानक है।”

स्पीकर ने संभाली कमान, लेकिन विपक्ष का विरोध जारी
मंत्री बघेल की चुप्पी और बार-बार स्पीकर के निर्देशों के बावजूद विपक्ष ने सदन में हंगामा जारी रखा। विधायकों ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और निष्पक्ष जांच की मांग की। स्पीकर के हस्तक्षेप के बावजूद विपक्ष ने सरकार को घेरना जारी रखा, जिससे सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई।

Share This Article