Chhattisgarh Cabinet Decision liquor Rate Cheaper : सस्ती होगी विदेशी शराब: ₹40 से ₹3000 तक प्रति बोतल घटेगा दाम, सरकार ने 9.5% आबकारी शुल्क किया खत्म

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ में अब शराब सस्ती होगी। बजट से ठीक एक दिन पहले साय कैबिनेट की बैठक में इसे लेकर फैसला किया गया है। अंग्रेजी शराब पर लगने वाला 9.5% आबकारी शुल्क खत्म किया गया है। इससे हर बोतल पर 40 रुपए से 3 हजार रुपए तक दाम घट जाएंगे।

रविवार को मंत्रालय मे बैठक के बाद प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आबकारी विभाग को लेकर किए गए फैसले की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में ये फैसला किया गया है। ये भी तय किया गया है कि साल 2025-26 की आबकारी नीति साल 2024-25 की तरह ही होगी।आबकारी विभाग की सचिव, आर संगीता ने क्या कहा-अतिरिक्त आबकारी शुल्क, जो छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के मदिरा क्रय के दर पर 9.5% राशि के बराबर होता है, इसे खत्म किया गया है।

इससे अंग्रेजी शराब जो मीडियम रेंज और हाई रेंज की हैं, उनके दाम कम होंगे। इसके चलते दूसरे स्टेट से छत्तीसगढ़ में होने वाली शराब तस्करी पर रोक लगेगी। पहले दूसरे राज्यों की शराब सस्ती होने के चलते यहां तस्करी होती थी। बैठक में वित्तमंत्री भी रहे मौजूद।

2025-26 में 674 मदिरा दुकानें और प्रीमियम मदिरा दुकानें संचालित करने का फैसला भी जस का तस रखा गया है। देशी शराब की आपूर्ति पहले जैसी ही रहेगी और पुरानी कीमत पर ही उपलब्ध होगी। विदेशी मदिरा थोक क्रय, वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा होगा। मदिरा पर लागू अधोसंरचना विकास शुल्क भी जिस तरह पहले लगता था लगेगा।

कैबिनेट में ये भी तय किया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित मामलों के तत्काल निराकरण और उपभोक्ता मामलों की समयबद्ध सुनवाई के लिए सदस्य का नया पद निकाला जाएगा। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के समर्थन मूल्य योजना में धान और चावल परिवहन की दर के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा दर को स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया है।

ये तो बिक्री बढ़ाने में लगे, शराबबंदी कब होगी बताए सरकार कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा -भाजपा सरकार ने शराब दुकानें कम करने का कोई फैसला नहीं लिया। राज्य में इस साल भी 674 दुकानों से शराब बेचीं जाएगी। सरकार ने विदेशी शराब पर लगने वाले अतिरिक्त टैक्स 9.5 प्रतिशत को कम इसलिए किया ताकि ज्यादा बिक्री हो, ज्यादा मुनाफा मिले। शराब की काली कमाई का मोह सरकार छोड़ नहीं पा रही। दुकानों में कौन सी शराब बिकेगी, कौन से निर्माता के ब्रांड राज्य में बिकेगा, इसके नाम पर कमीशन खेल बड़े पैमाने पर हो रहा है। शराब के इस सुनियोजित घोटाले में उच्च स्तर के लोग संलिप्त है। शराब बंदी को लेकर पांच सालों तक हल्ला मचाने वाले भाजपाई बतायें शराबबंदी कब होगी? कांग्रेस ने शराब के दाम घटाने के कदम को गलत बताया है।

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