बिलासपुर-छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य के प्रमुख मेडिकल संस्थान सिम्स (शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय) की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए निरंतर मॉनिटरिंग जारी रखने का फैसला किया है।
हाई कोर्ट ने सिम्स की मॉनिटरिंग जारी रखने का किया फैसला,
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने 17 फरवरी 2025, सोमवार को हेल्थ सिकरेट्री द्वारा पेश किए गए शपथ पत्र को रिकॉर्ड में लिया और सिम्स की स्थिति सुधारने के लिए कोर्ट कमिश्नरों को निर्देश दिया कि वे अपना काम जारी रखें।
चीफ जस्टिस ने दिया ये निर्देश
सिम्स की बदहाली को लेकर मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा (Ramesh Sinha) ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर करने का निर्देश दिया था। हेल्थ सिकरेट्री ने शपथ पत्र में सिम्स की व्यवस्था को लेकर आश्वस्त किया और जरूरी संसाधन जुटाने का दावा किया।
सिम्स की व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरी कदम
सुनवाई के दौरान सीजीएमएससी के अधिवक्ता ने बताया कि सिम्स मेडिकल कॉलेज के डीन के पास 95 लाख रुपये का फंड उपलब्ध है, जिसका उपयोग दवाओं की खरीद और अन्य जरूरतों के लिए किया जा सकता है। इससे पहले, बिलासपुर कलेक्टर ने भी शपथ पत्र पेश कर बताया था कि सिम्स की व्यवस्था सुधारने के लिए शासन द्वारा जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
अप्रैल में होगी अगली सुनवाई
अगली सुनवाई अप्रैल में होगी, जिसमें सिम्स की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह सिम्स की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग करता रहेगा।