19 घंटे तक लापरवाही, समय पर रेफर न करने से गई जान
जिले के आदिवासी बाहुल्य मरवाही के निमधा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही सामने आई है। खुरपा गांव की प्रसूता बुधवारिया बाई भैना और उसके नवजात की मौत स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण हुई।
क्या है पूरा मामला: प्रसूता बुधवारिया बाई को 10 फरवरी की सुबह 10 बजे परिजन बेहतर इलाज के लिए निमधा उप स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। अस्पताल में पदस्थ नर्स पुष्पाजलि राठौर और स्टाफ ने प्रसूता को 19 घंटे तक भर्ती रखा। अत्यधिक रक्तस्राव होने के बावजूद उसे समय रहते जिला अस्पताल रेफर नहीं किया गया। स्वास्थ्यकर्मियों ने रक्तस्राव रोकने के लिए कुछ दवाइयां और इंजेक्शन दिए, लेकिन स्थिति गंभीर होती गई।
रेफर में देरी और निजी वाहन से अस्पताल पहुंचना: रात 3 बजे जब प्रसूता की हालत नाजुक हो गई, तब नर्स ने जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी, लेकिन सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया। परिवार ने खुद निजी वाहन की व्यवस्था कर 4:45 बजे जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन 5:15 बजे प्रसूता ने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों ने अत्यधिक रक्तस्राव को मौत का कारण बताया।
कलेक्टर ने की जांच, नर्स सस्पेंड: इस घटना को हमने 11 फरवरी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। मामले का संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने जांच कराई। जांच में उप स्वास्थ्य केंद्र निमधा में पदस्थ नर्स पुष्पाजलि राठौर को लापरवाही का दोषी पाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नर्स पुष्पाजलि राठौर को निलंबित कर दिया।
यह हृदयविदारक घटना स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही और कुप्रबंधन को उजागर करती है।