प्रयागराज। कुंभ में सनातन धर्म के नाम पर सन्यास धारण कर सुर्खियों में आईं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में उनके करीबी दोस्त दीपक सारस्वत ने उनके साध्वी बनने को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। दीपक का कहना है कि हर्षा ने सनातन धर्म को महज लोकप्रियता पाने का जरिया बनाया है और वे इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।
कुंभ में जारी है हर्षा की मौजूदगी, लेकिन कहां हैं वे?
शाही स्नान के दौरान रथ पर विराजमान होकर चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया ने भले ही कुंभ में बने रहने की घोषणा कर दी हो, लेकिन उनकी मौजूदा स्थिति को लेकर अब भी संशय बरकरार है। इस बीच, उनके पूर्व मित्र दीपक सारस्वत के अचानक प्रयागराज पहुंचने और उनके बयानों ने इस मामले को और गरमा दिया है।
“हर्षा ने प्रसिद्धि के लिए साध्वी का चोला ओढ़ा” – दीपक सारस्वत
ग्वालियर निवासी दीपक सारस्वत ने ईटीवी भारत से बातचीत में खुलासा किया कि वे 2015-16 में हर्षा के अच्छे दोस्त थे। उनका कहना है कि हर्षा मुंबई में एंकरिंग और म्यूजिक एलबम में काम कर चुकी हैं, लेकिन अचानक उन्होंने दीपक को सोशल मीडिया और मोबाइल से ब्लॉक कर दिया। दीपक ने कहा, “हमारे बीच कभी कोई झगड़ा नहीं हुआ, लेकिन उनके सनातन धर्म से जुड़कर साध्वी बनने की खबर मेरे लिए चौंकाने वाली थी।”
दीपक ने आरोप लगाया कि हर्षा सनातन धर्म का सहारा लेकर प्रसिद्धि पाना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “भगवा वस्त्र धारण करने और साधु-संतों की संगति में रहकर अपनी छवि बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जो सनातन धर्म की गरिमा के अनुरूप नहीं है।”
हर्षा की दीक्षा और सन्यास पर सवाल
दीपक सारस्वत ने हर्षा की दीक्षा प्रक्रिया को भी संदेह के घेरे में रखा। उनका दावा है कि हर्षा की जटाएं असली नहीं हैं, बल्कि आर्टिफिशियल तरीके से बनाई गई हैं। उन्होंने कहा, “सन्यास एक गंभीर विषय है, लेकिन हर्षा इसे महज शोहरत के लिए इस्तेमाल कर रही हैं।”
दीपक ने उठाए सनातन धर्म के गलत इस्तेमाल के सवाल
दीपक ने आगे कहा कि सनातन धर्म की पवित्रता को इस तरह के प्रचार-प्रसार से ठेस पहुंच सकती है। उन्होंने कहा, “अगर ऐसे ही चलता रहा तो सनातन धर्म का वास्तविक स्वरूप खो जाएगा और यह महज एक पब्लिसिटी स्टंट बनकर रह जाएगा।”
कुंभ में विवादों का सिलसिला जारी
हर्षा रिछारिया को लेकर विवाद तब और बढ़ गया जब यह सामने आया कि उन्होंने पहले खुद को उत्तराखंड का निवासी बताया था, जबकि असल में वे भोपाल की रहने वाली हैं। दीपक ने कहा, “यदि वे वास्तव में साध्वी हैं तो फिर उन्हें किसी के आरोपों से डरने की जरूरत क्यों है?” उन्होंने यह भी कहा कि हर्षा को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसिद्धि पाने की चाहत है।
फिल्म इंडस्ट्री से सन्यास तक की यात्रा
दीपक ने बताया कि वे और हर्षा पहले साथ में काम करने की योजना बना रहे थे। दीपक ने हर्षा को एक बेहतरीन कलाकार बताया, लेकिन उनका मानना है कि प्रसिद्धि की भूख ने उन्हें इस रास्ते पर धकेल दिया है।
आगे क्या?
दीपक ने कहा कि अगर हर्षा उनसे मिलना चाहेंगी तो वे मुलाकात के लिए तैयार हैं। इस पूरे मामले ने कुंभ के धार्मिक माहौल में सनातन धर्म के नाम पर प्रसिद्धि पाने की प्रवृत्ति को उजागर किया है।
अब देखना होगा कि इस विवाद पर हर्षा रिछारिया की क्या प्रतिक्रिया आती है और सनातन धर्म के अनुयायी इसे किस रूप में लेते हैं।
Editor In Chief