कवर्धा: फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट मामले में बड़ी कार्यवाई हुए है। CMHO ने जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित कर दिया है। डॉ मनीष जॉय ने फर्जी तरीके से मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया था। मनीष जॉय ने 3 युवाओं के लिए सर्टिफिकेट बनाया था। जांच के बाद आरोप सही पाए जाने के बाद यह कार्यवाई को गई है। कवर्धा जिला अस्पताल में पदस्थ नेत्र सहायक अधिकारी डॉ मनीष जॉय को स्वास्थ्य विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक ने सस्पेंड कर दिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल मामला पुलिस भर्ती 2021 से जुड़ा हुआ है। फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट की शिकायत मिलने के बाद तीनों नवनियुक्त आरक्षकों का दोबारा मेडिकल जांच कराई गई। जिनके खिलाफ शिकायत की गई थी, उन 2 युवकों को राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा गया। जहां दोनों की मेडिकल रिपोर्ट अनफिट पाई गई। वहीं एक युवक का कवर्धा जिला हॉस्पिटल से मेडिकल अनफिट मिला।
पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में डॉक्टर का क्या रोल था और क्या कार्रवाई की गई ?
पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में डॉक्टर मनीष जॉय ने तीन अभ्यर्थियों के लिए फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्र बनाए थे। जांच के बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और सीएमएचओ को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए।

पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में डॉक्टर भी था शामिल
पुलिस भर्ती के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने कि अनिवार्य प्रक्रिया है। तीनों पुलिस आरक्षकों का डॉ मनीष जॉय ने फर्जी तरीके से मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया था। मामले का खुलासा तब हुआ जब राजनांदगांव में इन आरक्षकों को मेडिकल जांच में अनफिट पाया गया।
फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के मामले में जांच कब शुरु हुई और क्या पता चला
4 साल तक चले जांच के बाद आखिरकार अब मनीष जॉय को संस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही सीएमएचओ को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।