छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने लगभग 50 किलोग्राम का संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) बरामद किया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आईईडी बासागुड़ा-आवापल्ली मार्ग पर एक पुल के नीचे छिपाया गया था।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का बम निरोधक दस्ता जब क्षेत्र में गश्त कर रहा था, तो उन्हें तिमापुर दुर्गा मंदिर के पास पुल के नीचे आईईडी होने की सूचना मिली। माओवादियों ने पुल के नीचे से कांक्रीट और पत्थर हटा कर उसमें बारूदी सुरंग छिपाई थी, फिर उसे उसी तरह से ढक दिया था।
मेटल डिटेक्टर की मदद से बारूदी सुरंग का चला पता
सुरक्षाबलों ने मेटल डिटेक्टर की मदद से इस बारूदी सुरंग का पता लगाया और उसे निकालने का प्रयास किया, लेकिन सुरंग बहुत गहरे होने की वजह से उसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि इस आईईडी को माओवादियों ने बड़े वाहनों को नुकसान पहुंचाने के लिए रिमोट कंट्रोल से लगाया था। सुरक्षाबलों की सतर्कता से माओवादियों का यह प्रयास नाकाम हो गया। इस प्रक्रिया में सड़क में गहरा गड्ढा बन गया, जिसे भरकर आवागमन को फिर से सामान्य किया जा रहा है।
नक्सलियों ने 6 जनवरी को 70 किलो के आईईडी से किया था हमला
इस घटना से पहले, 6 जनवरी को बीजापुर जिले में माओवादियों ने सुरक्षाबलों के वाहन को निशाना बनाते हुए लगभग 70 किलोग्राम के आईईडी से हमला किया था, जिसमें आठ जवानों और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी।
दंतेवाड़ा में भी 2 किलोग्राम का आईईडी और एक डमी आईईडी बरामद
वहीं दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर क्षेत्र से भी सुरक्षाबलों ने 2 किलोग्राम का आईईडी और एक डमी आईईडी बरामद किया। माओवादियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से ये विस्फोटक लगाए थे। सुरक्षाबलों ने सफलतापूर्वक इन्हें निष्क्रिय किया।
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