रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीते दो दिनों के भीतर दो हाथियों की मौत के मामले सामने आए हैं। सूरजपुर के बगदा वन क्षेत्र में सोमवार को एक हाथी का शव बरामद किया गया, जबकि सोमवार रात रायगढ़ के धरमजयगढ़ वन क्षेत्र में एक अन्य हाथी की मौत हुई। लगातार हो रही हाथियों की मौत से वन विभाग सतर्क हो गया है। मंगलवार को वन विभाग ने रायगढ़ में हाथी की मौत की पुष्टि की।
रायगढ़ में करंट से हाथी की मौत
धरमजयगढ़ वनमंडल के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि खेत में बिछाए गए करंट प्रवाहित तार के संपर्क में आने से जंगली हाथी की मौत हुई है। यह घटना सोमवार रात की है, जिसके बाद मंगलवार को हाथी का शव बरामद किया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि खेत मालिक ने मक्के की फसल की सुरक्षा के लिए बिजली के तार लगाए थे, जिसकी चपेट में आने से 8 से 10 साल के हाथी की मौत हो गई। मामले में खेत मालिक नंदराम राठिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और उससे पूछताछ जारी है।
सूरजपुर में 12 साल के हाथी का शव मिला
सोमवार को सूरजपुर के बगदा वन क्षेत्र में 12 साल के हाथी का शव मिला। हाथी की मौत के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हो सका है। वन विभाग ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच जारी है। अधिकारियों का कहना है कि विस्तृत जांच के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।
छह साल में 90 हाथियों की मौत
वन विभाग के अनुसार, बीते छह वर्षों में छत्तीसगढ़ में 90 हाथियों की मौत हो चुकी है, जिनमें बीमारी, बुढ़ापा और करंट लगने जैसे कारण प्रमुख हैं। राज्य के उत्तरी हिस्सों में मानव-हाथी संघर्ष लगातार चिंता का विषय बना हुआ है। सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले हाथी प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं।