छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले पर ईडी की कार्रवाई, पूर्व मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार
रायपुर: छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई सुर्खियों में है। बुधवार, 15 जनवरी 2025 को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने उन्हें 21 जनवरी तक रिमांड पर भेज दिया है। इस गिरफ्तारी के बाद से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे कांग्रेस और कवासी लखमा के खिलाफ एक राजनीतिक साजिश करार दिया।
कांग्रेस का पलटवार: सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कवासी लखमा की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि राज्य सरकार कांग्रेस नेताओं को टारगेट कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी कांग्रेस नेता सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। दीपक बैज के अनुसार, कवासी लखमा ने विधानसभा में बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी, विशेष रूप से बस्तर में बिना टेंडर के पुलों के निर्माण का मुद्दा उठाया था। इसी कारण से उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई की गई है। कांग्रेस ने इसे विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश बताया है।
गृह मंत्री विजय शर्मा का जवाब: “दोषियों पर होगी कार्रवाई”
कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए राज्य के गृह मंत्री एवं डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता जानती है कि भ्रष्टाचार किसने किया है। उन्होंने कहा, “शराब घोटाले, कोयला घोटाले, पीएससी घोटाले और राइस मिलर्स घोटाले में कौन शामिल है, यह सबके सामने है। जिन लोगों ने घोटाले किए हैं, वे जेल में हैं। यह ईडी की स्वतंत्र जांच है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
गृह मंत्री ने कहा कि ईडी की जांच में कोई साजिश नहीं है, बल्कि यह कानूनी प्रक्रिया है। “जिसने गड़बड़ी की है, उसका नाम सामने आएगा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी,” उन्होंने कहा।
ईडी की कार्रवाई: कवासी लखमा पर शिकंजा कैसे कसा गया?
ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को रायपुर, सुकमा और धमतरी में कवासी लखमा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके बाद 9 जनवरी को लखमा से आठ घंटे की लंबी पूछताछ हुई। अंततः 15 जनवरी को ईडी ने उन्हें रायपुर स्थित अपने कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया। उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को भी बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद ईडी ने दोपहर 3 बजे कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद लखमा को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 7 दिनों की रिमांड पर भेज दिया गया। अब इस मामले में 21 जनवरी को फिर से सुनवाई होगी।
निष्कर्ष:
कवासी लखमा की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि सरकार इसे कानून का हिस्सा मान रही है। ईडी की जांच और आगे की कार्रवाई पर पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हुई हैं।
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