कोण्डागांव। शासन की नक्सल उन्मूलन नीति से प्रभावित होकर और माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर पांच लाख रुपये के इनामी नक्सली गिंजरू राम उसेण्डी उर्फ कमलदास उसेण्डी ने आत्मसमर्पण कर दिया। सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सली संगठन में भय का माहौल बना हुआ है, जिससे बड़ी संख्या में नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
माओवाद की राह छोड़ समाज की मुख्यधारा में लौटा इनामी नक्सली
आत्मसमर्पित नक्सली गिंजरू राम उसेण्डी (45) पिता स्व. सोमनाथ प्रतिबंधित माओवादी संगठन उत्तर बस्तर डिविजन के टेक्निकल टीम एरिया कमेटी कमांडर के पद पर कार्यरत था। उसने वर्ष 1998 से 2001 तक जनमिलिशिया सदस्य के रूप में और 2005 से 2007 तक किसकोडो दलम सदस्य के रूप में माओवादी संगठन में काम किया।
सुरक्षा एजेंसियों ने इसे नक्सल उन्मूलन नीति की सफलता बताया है। अधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे विकास कार्यों और सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों का मनोबल टूट रहा है। आत्मसमर्पित नक्सली को शासन की पुनर्वास नीति के तहत सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
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