बीजापुर। जिले के मुक्तिधाम में दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर की अस्थियों के साथ छेड़छाड़ का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। जब उनके परिवार के सदस्य आज अस्थि कलश लेने पहुंचे, तो वह निर्धारित स्थल पर नहीं था। इसके बाद जब उन्होंने खोजबीन की, तो कुछ दूरी पर टूटा हुआ कलश और अस्थियां बिखरी पड़ी थीं। इस घटना के बाद दक्षिण बस्तर पत्रकार संघ और बस्तर जिला पत्रकार संघ के पदाधिकारियों ने बीजापुर एसपी से शिकायत की है और अज्ञात लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
परिजनों ने बताया कि दिवंगत मुकेश के अस्थियों को एक घड़े में रखकर मुक्तिधाम के पेड़ में बांध दिया गया था, ताकि उन्हें बाद में कलेश्वरम में विसर्जित किया जा सके। लेकिन जब परिवार वाले अस्थि कलश लेने पहुंचे, तो वह गायब था। खोजबीन के दौरान, लगभग 50 मीटर दूरी पर कलश टूटा हुआ और अस्थियां बिखरी पड़ी थीं, जिससे परिजनों और पत्रकारों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
मुकेश चंद्राकर का सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का खुलासा
दिवंगत पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर में करोड़ों की लागत से बने घटिया सड़क निर्माण का पर्दाफाश किया था, जिसकी उन्होंने खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद 1 जनवरी 2025 को वह लापता हो गए थे। तीन दिन बाद उनका शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में बने सेप्टिक टैंक में मिला था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके सिर पर 15 चोट के निशान मिले थे, जो यह दर्शाते हैं कि उनकी हत्या की गई थी।
इस मामले में सरकार ने एसआईटी का गठन किया है, और एसआईटी टीम ने आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पत्रकारों और उनके परिजनों ने न्याय की उम्मीद जताई है।