📌 जमानत मिलने के बावजूद निरुद्ध बंदियों की पहचान कर दी गई आवश्यक जानकारी
📌 बिना अधिवक्ता वाले बंदियों को लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम से सहायता देने के निर्देश
📌 बंदियों के खानपान, स्वास्थ्य और भेदभाव के मामलों की समीक्षा की गई
नारायणपुर, 07 जनवरी 2025
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के दिशा-निर्देशों के तहत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोण्डागांव की अध्यक्ष उत्तरा कुमार कश्यप के मार्गदर्शन में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश हरेन्द्र सिंह नाग, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतिभा मरकाम, तथा व्यवहार न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गायत्री साय द्वारा उप-जेल नारायणपुर का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान की गई प्रमुख कार्यवाही
🔹 विचाराधीन बंदियों की स्थिति की समीक्षा: ऐसे बंदी, जिनकी जमानत हो चुकी है लेकिन वे अभी भी जेल में निरुद्ध हैं, उनकी पहचान कर पट्टा पेश और सक्षम जमानतदार की जानकारी दी गई।
🔹 जमानत प्रक्रिया में सहायता: जिन बंदियों के जमानत आवेदन लंबित हैं या जो आवेदन देना चाहते हैं, उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया।
🔹 निःशुल्क विधिक सहायता: जिन बंदियों के प्रकरणों में अभी तक अधिवक्ता नियुक्त नहीं हुए थे, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोण्डागांव के माध्यम से लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम से अधिवक्ता उपलब्ध कराने की जानकारी दी गई।
🔹 सहायक जेल अधीक्षक को निर्देश: निःशुल्क अधिवक्ता नियुक्ति के लिए जल्द से जल्द आवेदन भेजने के निर्देश दिए गए।
🔹 जेल में जाति भेदभाव और छुआछूत की स्थिति: निरीक्षण के दौरान बंदियों से पूछा गया, जिस पर बंदियों ने किसी भी प्रकार के भेदभाव से इनकार किया।
🔹 बंदियों के स्वास्थ्य और खानपान की जांच: समस्त बंदियों के भोजन, चिकित्सा सुविधाओं और जीवन स्तर का जायजा लिया गया।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारी एवं अधिवक्ता
इस अवसर पर सहायक उप-जेल अधीक्षक संजय कुमार नायक, प्रतिधारक अधिवक्ता चन्द्र प्रकाश कश्यप, घासीराम नेताम, पारेश्वर देवांगन, रविन्द्र बघेल और अधिकार मित्र उपस्थित थे।
📌 इस निरीक्षण का उद्देश्य विचाराधीन बंदियों के अधिकारों की रक्षा और न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी के कामकाज को और मजबूत करना था।