पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में मुख्य आरोपी गिरफ्तार”

राजेन्द्र देवांगन
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जगदलपुर/बीजापुर: नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर की साइबर पुलिस और स्पेशल एसआईटी टीम ने हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई रविवार देर रात की गई, जिसकी पुष्टि बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने की।

मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर हैदराबाद से गिरफ्तार

एसआईटी टीम इंचार्ज मयंक गुर्जर ने बताया कि फरार चल रहे मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले पुलिस तीन अन्य आरोपियों – रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस आरोपियों से विस्तृत पूछताछ कर रही है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गंभीर चोटों की पुष्टि

बीजापुर जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. रामटेके के अनुसार, मुकेश चंद्राकर के लीवर पर 7 से 8 गहरे घाव के निशान मिले हैं, जबकि उनके हृदय पर भी गंभीर चोटें थीं, जिससे उनकी मृत्यु हुई।


हत्या से लेकर गिरफ्तारी तक – पूरी घटना पर एक नजर

कौन थे मुकेश चंद्राकर?

मुकेश चंद्राकर एक स्वतंत्र पत्रकार थे और कई समाचार चैनलों के लिए रिपोर्टिंग करते थे। वह ‘बस्तर जंक्शन’ नामक यूट्यूब चैनल भी चलाते थे, जिसके करीब डेढ़ लाख से अधिक सब्सक्राइबर थे। अप्रैल 2021 में बीजापुर के तकलगुड़ा नक्सली हमले के दौरान कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। इस प्रयास के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनकी सराहना की थी।

1 जनवरी से लापता थे मुकेश चंद्राकर

मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को अचानक लापता हो गए थे। उनके भाई युकेश चंद्राकर ने पहले स्वयं उनकी तलाश की और फिर सोशल मीडिया पर उनके लापता होने की जानकारी साझा की। इस पोस्ट के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई, क्योंकि बीजापुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। बाद में उन्होंने बीजापुर पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की।

3 जनवरी को सेप्टिक टैंक से मिला शव

बीजापुर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि मुकेश चंद्राकर के मोबाइल की अंतिम लोकेशन के आधार पर पुलिस ने 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में खुदाई करवाई। वहां एक सेप्टिक टैंक के अंदर मुकेश का शव बरामद हुआ। हत्या के बाद शव को सेप्टिक टैंक में डालकर ऊपर से प्लास्टर कर दिया गया था।

क्यों की गई हत्या?

जांच में खुलासा हुआ कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर द्वारा बनाई गई सड़क में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था। इसी रंजिश में सुरेश चंद्राकर ने अपने भाई रितेश चंद्राकर और सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके के साथ मिलकर 1 जनवरी को उनकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को सेप्टिक टैंक में छिपा दिया गया।

4 जनवरी को तीन आरोपियों की गिरफ्तारी

बीजापुर पुलिस ने 4 जनवरी को रितेश चंद्राकर, महेंद्र रामटेके और सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में दिनेश चंद्राकर को गिरफ्तार किया। इस हत्याकांड को लेकर पूरे राज्य में पत्रकारों और आम जनता में रोष बढ़ने लगा। सरकार पर दबाव बढ़ता देख मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एसआईटी गठित कर जल्द से जल्द न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।


पत्रकारों में आक्रोश, प्रदेशभर में प्रदर्शन

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बीजापुर, कोरबा और बस्तर सहित कई जगहों पर कैंडल मार्च निकाला गया। रायपुर प्रेस क्लब के सदस्य राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने पहुंचे, लेकिन उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। इस पर पत्रकारों ने गेट नंबर 3 के सामने धरना दिया।


मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी कैसे हुई?

हत्या के बाद मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर फरार हो गया था। पुलिस ने 200 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और करीब 300 मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग की। आखिरकार, पुलिस को सुरेश चंद्राकर के हैदराबाद में अपने ड्राइवर के ठिकाने पर छिपे होने की जानकारी मिली। इसके बाद साइबर सेल और एसआईटी ने 5 जनवरी को उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल, उससे गहन पूछताछ जारी है।


सरकार का आश्वासन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घटना की कड़ी निंदा की और पत्रकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर और उनके परिवार को न्याय दिलाने के लिए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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