CG-शराब घोटाला: पूर्व मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तारी के करीब, ED ने कमीशन के जुटाए पुख्ता सबूत

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर शिकंजा कस दिया है। ED ने अपने आधिकारिक बयान में दावा किया है कि लखमा को अवैध शराब बिक्री से कमीशन मिलता था। 2161 करोड़ रुपये के इस घोटाले में कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं।

ED का दावा: कमीशन के सबूत मिले

  • तलाशी अभियान: रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में 7 परिसरों पर छापेमारी।
  • जब्त सामग्री: डिजिटल डिवाइस, नकद लेन-देन के रिकॉर्ड और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज।
  • कमीशन का खुलासा: लखमा को शराब की बिक्री से हर महीने मोटी रकम कमीशन के रूप में मिलती थी।

शराब घोटाले का तंत्र

ED की जांच में 2019-2022 के बीच तीन प्रकार से अवैध कमाई का खुलासा हुआ:

  1. डिस्टिलर्स से रिश्वत: शराब की खरीद-फरोख्त में प्रति केस कमीशन।
  2. कच्ची शराब की बिक्री: बिना रिकॉर्ड के देशी शराब की बेहिसाब बिक्री।
  3. विदेशी शराब पर कमीशन: शराब बनाने वालों और लाइसेंस धारकों से रिश्वत।

लखमा और करीबी रडार पर

  • लखमा के करीबी सुशील ओझा पर भी ED की नजर।
  • ओझा के घर से दस्तावेज बरामद; विदेश में पार्टी कर सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर रहा है।
  • ED ने लखमा और उनके बेटे हरीश कवासी के घरों पर छापा मारकर दस्तावेज जब्त किए।

लखमा का बयान

गुरुवार को मीडिया से बातचीत में लखमा ने कहा:

  • “मैं कानून का सम्मान करता हूं और सच्ची बात करूंगा।”
  • “मैं अनपढ़ हूं, अधिकारी जहां साइन करने को कहते थे, करता था।”
  • ED के सवालों का जवाब देने के लिए 3 जनवरी को उनके दफ्तर जाने की बात कही।

क्या हो सकती है कार्रवाई?

  • लखमा के खिलाफ ED के पास कमीशन लेने के पुख्ता सबूत।
  • दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस से घोटाले में करोड़ों के लेन-देन का खुलासा।
  • लखमा, उनके बेटे और करीबी सुशील ओझा को गिरफ्तार कर पूछताछ हो सकती है।

शराब घोटाला: एक नजर में

यह घोटाला 2019-2022 के दौरान छत्तीसगढ़ में शराब की सरकारी दुकानों से डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर शराब बेचने और सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये के नुकसान पहुंचाने से जुड़ा है। इसमें IAS अधिकारी अनिल टुटेजा,

आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी, और कारोबारी अनवर ढेबर की भूमिका पहले ही उजागर हो चुकी है।

छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में इस घोटाले से हलचल मच गई है। ED जल्द ही कोर्ट में सबूत पेश कर सकती है।

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