केपीएस स्कूल पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज: उद्यान के नाम पर आवंटित जमीन पर बना दिया स्कूल

राजेन्द्र देवांगन
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नगर निगम भिलाई और स्कूल प्रबंधन की मिलीभगत का आरोप

दुर्ग जिले के भिलाई में कृष्णा पब्लिक स्कूल (केपीएस) की सोसाइटी, कृष्णा एजुकेशन सोसाइटी, के खिलाफ करोड़ों की जमीन के फर्जीवाड़े का मामला दर्ज हुआ है। यह आरोप है कि सोसाइटी ने नगर निगम भिलाई से पौधरोपण और उद्यान के लिए आवंटित जमीन पर धोखाधड़ी कर स्कूल भवन बना लिया। मामले में सोसाइटी के अध्यक्ष एम.एम. त्रिपाठी, सचिव प्रमोद त्रिपाठी, आर्किटेक्ट और नगर निगम के कई अधिकारियों-कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है। शिकायतकर्ता रवि शर्मा ने यह मामला दर्ज कराया है।

शिकायत में क्या है आरोप?

शिकायत के अनुसार, कृष्णा एजुकेशन सोसाइटी ने नगर निगम भिलाई के अधिकारियों से साठगांठ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए।

  • खसरा नंबर की हेराफेरी: उद्यान और पौधरोपण के लिए आरक्षित 95,999 वर्गफुट जमीन (खसरा नंबर 836-837) को खसरा नंबर 306 के रूप में दर्शाया गया।
  • फर्जी दस्तावेज: इस हेरफेर के जरिए निगम की बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर लिया गया और उस पर विद्यालय भवन बना लिया गया।
  • नियमितीकरण में लापरवाही: 2007 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भवन निर्माण की अनुमति ली गई और 2008 में नगर निगम ने बिना जांच किए इस भवन का नियमितीकरण भी कर दिया।

मामले की पृष्ठभूमि

1986 में मध्य प्रदेश शासन के समय कृष्णा पब्लिक स्कूल को विद्यालय निर्माण के लिए 60,000 वर्गफुट जमीन (खसरा नंबर 306) आवंटित की गई थी। 2005 में छत्तीसगढ़ शासन ने इसी स्कूल से सटी 95,999 वर्गफुट जमीन (खसरा नंबर 836-837) उद्यान और पौधरोपण के लिए आवंटित की।
आरोप है कि 2007 में सोसाइटी ने नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से पौधरोपण के लिए आरक्षित जमीन पर कब्जा कर स्कूल भवन बना लिया।

जांच और कार्रवाई

2016 में इस मामले की शिकायत नगर निगम में दर्ज की गई, लेकिन अधिकारियों ने इसे दबा दिया। इसके बाद जिला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त की जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
सुपेला पुलिस ने धोखाधड़ी और साजिश के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत केस दर्ज कर लिया है।

सावधानी और निष्पक्षता की मांग

शिकायतकर्ता रवि शर्मा ने इस जमीन घोटाले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले ने नगर निगम भिलाई की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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