बस्तर बना पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य, नक्सल गतिविधियों में गिरावट से क्षेत्र में बढ़ी रौनक

राजेन्द्र देवांगन
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बस्तर: कभी नक्सल हिंसा के लिए पहचाने जाने वाले बस्तर में अब देश विदेश से टूरिस्ट पहुंचने लगे हैं. बस्तर की वादियों में पर्यटक बिना किसी डर के घूम रहे हैं. बस्तर में बदलते हालात का अंदाजा इसी बात बात से लगा सकते हैं कि चित्रकोट वॉटरफॉल को देखने के लिए रात के वक्त भी पर्यटक आ रहे हैं. चांदनी रात में रंग बिरंगी रोशनी के बीच चित्रकोट वॉटरफॉल किसी स्वर्ग से कम नहीं नजर आता. साल 2024 में करीब 1 लाख से ज्यादा पर्यटक बस्तर घूमने के लिए पहुंचे. बस्तर की नेचुरल सुंदरता देखकर जो भी टूरिस्ट गए वो यहां के दीवाने हो गए.

चित्रकोट जलप्रपात की सुंदरता ने जीता दिल: जगदलपुर का चित्रकोट वॉटरफॉल बस्तर के सबसे सुंदर टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक है. बीते दिनों बस्तर दौरे पर आए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी चित्रकोट की तारीफ की थी. अमित शाह ने कहा था कि जिस दिन बस्तर हिंसा खत्म हो जाएगी उस दिन कश्मीर से भी ज्यादा पर्यटक चित्रकोट में पहुंचने लगेंगे. पर्यटन के मानचित्र पर चित्रकोट को लाने के लिए सीएम विष्णु देव साय ने बीते दिनों कैबिनेट की बैठक भी चित्रकोट में की. सर्दियों का मौसम आते ही चित्रकोट पर्यटकों से भर जाता है. हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं.

कांगेर वैली नेशनल पार्क: कांगेर वैली नेशनल पार्क जगदलपुर जिला से मात्र 27 किमी की दूरी पर है. रायपुर जिला से लगभग 330 किमी की दूरी पर है. कांगेर वैली नेशनल पार्क उत्तर पश्चिम किनारे पर तीरथगढ़ जलप्रपात से प्रारंभ होकर पूर्व में ओडिशा की सीमा कोलाब नदी तक फैला है. कांगेर नदी इसके बीचो-बीच बहती है. इसकी औसत चौड़ाई 6 किमी और लम्बाई 48 किमी है. इसका क्षेत्रफल 200 वर्ग किमी है. कांग्रेर वैली की सीमा 48 गांवों से घिरी है. पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 मार्च में पर्यटकों की संख्या लगभग 3 लाख थी. वहीं इस साल 2024 में लगभग 2 लाख 50 हजार पर्यटक पहुंच चुके हैं. मार्च तक साढ़े 3 से 4 लाख तक पर्यटक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.

BASTAR BECOMES TOURIST DESTINATION

बस्तर में लगी पर्यटकों की बहार

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बस्तर में लगी पर्यटकों की बहार 

बस्तर का नेचर है नेचुरल: बस्तर के जानकार अविनाश प्रसाद कहते हैं कि लंबे समय से बस्तर मुख्यधारा से कटा रहा. बस्तर की सांस्कृतिक सुंदरता थी वो खुल कर सामने नहीं आई. बाद में बस्तर नक्सलवाद के जाल में फंस गया. लेकिन अब अंदरूनी इलाकों तक शासन प्रशासन पहुंच रहा है. दूसरी तरफ बस्तर में पर्यटन के साधन बढ़ रहे हैं. बस्तर के इतिहास और यहां की सुंदरता को जानने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. बस्तर के युवा अब अपने बस्तर की सुंदरता सोशल मीडिया के जरिए देश दुनिया तक पहुंचा रहे हैं.

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बस्तर में लगी पर्यटकों की बहार

पांच सालों में पर्यटकों की संख्या 50 फीसदी बढ़ी: बस्तर को जानने और समझने वाले कहते हैं कि बीते पांच सालों में पर्यटन को लेकर काफी बदलाव आया है. टूरिस्टों की संख्या में पचास फीसदी तक बढ़ोत्तरी हुई है. बस्तर का नेचुरल नेचर और कल्चर दोनों को देश और दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. बस्तर में दो नेशनल पार्क हैं जिनकी सुंदरता देखने के लिए लोग दिल्ली तक से पहुंच रहे हैं.

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