2024 में बस्तर: राजनीति और नक्सलवाद की जंग में मिली बड़ी जीत
रायपुर: छत्तीसगढ़ का बस्तर, जो पहले नक्सलवाद और संघर्ष का प्रतीक था, अब 2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीति और विकास के नए केंद्र के रूप में उभरा है। बस्तर ने इस साल एक नई पहचान बनाई, जहां सियासी हार-जीत के साथ-साथ नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी मेहनत से एक ऐतिहासिक जीत भी हासिल हुई है।
राजनीतिक बदलाव का गवाह बना बस्तर
2024 के लोकसभा चुनाव में बस्तर ने एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया, जहां भाजपा ने 2019 में हारी हुई सीट को जीतकर अपना परचम लहराया। बस्तर को चुनावी लॉन्चिंग पैड के रूप में दोनों प्रमुख पार्टियों, भाजपा और कांग्रेस ने इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने यहां से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की।
सुरक्षा के बीच चुनावी संघर्ष
बस्तर में नक्सलवाद के चलते चुनाव आयोग ने भारी सुरक्षा के बीच मतदान करवाया। पहले चरण में केवल बस्तर लोकसभा सीट पर मतदान हुआ, जिसमें रिकॉर्ड वोटिंग देखने को मिली। इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण में अन्य सीटों पर भी मतदान हुआ। भाजपा ने यहां 2019 में हारी सीट को फिर से जीतकर अपनी जीत सुनिश्चित की।
कांग्रेस की हार और गुटबाजी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, जो 2019 में बस्तर से जीत हासिल कर चुके थे, 2024 में अपनी पार्टी से उम्मीदवार बदलने के फैसले के बाद हार गए। गुटबाजी और कमजोर राजनीतिक गणना हार का कारण बने, और भाजपा ने बस्तर में अपनी स्थिति मजबूत की।
नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष
बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की मेहनत को पूरे देश ने सराहा। भाजपा ने बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने का वादा किया, और यह वादा उनके प्रचार में प्रमुख था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नक्सलवाद पर गहरी चोट की, और जनता से सुरक्षा और विकास के पक्ष में वोट देने की अपील की।
विकास का नया आयाम
विकास के मोर्चे पर भी बस्तर ने खुद को साबित किया। बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों ने युवाओं में राष्ट्रप्रेम और अनुशासन की भावना को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने बस्तर के धूड़मारास गांव को अपनी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता के लिए सम्मानित किया, और इसे “बेस्ट टूरिज्म विलेज” की सूची में शामिल किया।
भविष्य में बस्तर: नक्सलवाद से मुक्ति और विकास की राह
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है और सुरक्षा एजेंसियां अपनी योजना के तहत काम कर रही हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में बस्तर को विकास की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जा रही है, और आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र पर्यटन और विकास के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।
2024 ने बस्तर को एक नई पहचान दी है, जहां राजनीति, सुरक्षा और विकास के बीच संतुलन स्थापित किया गया है।