दुर्ग में गायों की खाल से भरा ट्रक जब्त, दो आरोपी गिरफ्तार, महाराष्ट्र की है गाड़ी

राजेन्द्र देवांगन
3 Min Read

गौ चमड़ा से भरा ट्रक पकड़ा गया: ड्राइवर की पिटाई, कुम्हारी पुलिस पर लापरवाही के आरोप

दुर्ग, छत्तीसगढ़: दुर्ग जिले के कुम्हारी टोल प्लाजा के पास गौ चमड़ा से लदा एक ट्रक पकड़ा गया। ट्रक महाराष्ट्र के नागपुर से रायपुर की ओर जा रहा था। इस घटना में गौ सेवकों ने ट्रक ड्राइवर को पकड़कर जमकर पीटा और फिर उसे कुम्हारी पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है, लेकिन कार्रवाई में लापरवाही के आरोप भी सामने आए हैं।

घटना का विवरण

घटना सोमवार देर रात की है। ट्रक (MH 49 AT 4134) नागपुर से भारी मात्रा में गौ चमड़ा लोड करके रायपुर की तरफ जा रहा था। जैसे ही गौ सेवकों को इसकी सूचना मिली, उन्होंने ट्रक का पीछा करना शुरू कर दिया। ट्रक को सबसे पहले राजनांदगांव के पास देखा गया। इसके बाद, कुम्हारी टोल प्लाजा पर ट्रक को रोकने का प्रयास किया गया।

गौ सेवकों ने ट्रक के आगे अपनी गाड़ी लगाकर उसे रुकवाया। ट्रक की तिरपाल हटाने पर भारी मात्रा में गौ चमड़ा पाया गया, जिसकी अनुमानित कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। यह दृश्य देखकर गौ सेवक भड़क गए और ट्रक ड्राइवर की पिटाई कर दी।

पुलिस की लापरवाही

घटना के बाद ट्रक और ड्राइवर को कुम्हारी थाने ले जाया गया। लेकिन स्थानीय पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कुम्हारी थाना प्रभारी जनकराम कुर्रे विभागीय कार्य से बाहर थे, और जिन एसआई को थाने की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने न तो मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और न ही घटना की सूचना उच्च अधिकारियों को दी।

छावनी सीएसपी हरीश पाटिल ने मीडिया से जानकारी मिलने पर स्वयं मौके पर पहुंचने की बात कही। इस मामले में कुम्हारी पुलिस की लापरवाही ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

लाखों का गौ चमड़ा

ट्रक में लदा गौ चमड़ा भारी मात्रा में था, जिसकी बाजार में कीमत लाखों रुपये आंकी जा रही है। यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह खेप कहां और किस उद्देश्य से भेजी जा रही थी।

सामाजिक संगठनों की भूमिका

गौ सेवकों की तत्परता ने इस अवैध परिवहन को रोका, लेकिन ड्राइवर की पिटाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल गौ रक्षा के प्रति जागरूकता दिखाती है, बल्कि प्रशासन की भूमिका और उसकी कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में गौ संरक्षण और उससे संबंधित कानूनों को प्रभावी बनाने के लिए इस तरह की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।

Share This Article