“151 किलो गांजे के साथ पूर्व विधायक का दामाद गिरफ्तार: लग्जरी कार और हूटर का इस्तेमाल, 30 लाख का माल बरामद”

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में कांग्रेस के पूर्व विधायक किस्मतलाल नंद के बड़े दामाद सूर्यकांत नाग को ओडिशा से गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपी की लग्जरी कार से 151 किलो गांजा बरामद किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 30 लाख रुपये बताई जा रही है। यह मामला डोंगरीपाली थाना क्षेत्र का है।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि 20 दिसंबर की रात एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि ओडिशा से एक सफेद इनोवा कार छत्तीसगढ़ की ओर आ रही है, जिसमें अवैध गांजा तस्करी की जा रही है। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उस गाड़ी को रोकने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर और उसके साथी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने जब गाड़ी की जांच की तो उसमें भारी मात्रा में गांजा मिला। इस गाड़ी का मालिक किस्मतलाल नंद के बेटे अंकित नंद है। इसके अलावा, गाड़ी में अवैध तरीके से हूटर भी लगा हुआ था, जो तस्करी में उपयोगी प्रतीत होता था।

इस मामले में पुलिस ने शक के आधार पर ड्राइवर क्षमानिधि साहू को गिरफ्तार किया। साहू ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उसने सूर्यकांत नाग की गाड़ी को ओडिशा से छत्तीसगढ़ की सीमा तक लाने में मदद की थी और इसके बदले उसे 5 हजार रुपये दिए गए थे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सूर्यकांत नाग को ओडिशा के बालंगीर जिले से गिरफ्तार किया।

पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा ने बताया कि सूर्यकांत नाग गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी लोकेशन लगातार बदल रहा था, लेकिन पुलिस ने उसकी आखिरी लोकेशन का पता लगाकर उसे बालंगीर से पकड़ लिया। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

इस तस्करी के मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक किस्मतलाल नंद का नाम जुड़ा होने के कारण राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है। किस्मतलाल नंद ने 2019 में सरायपाली विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में 52,288 वोटों के अंतर से विजय प्राप्त की थी। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को हराया था। हालांकि, 2023 में कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने बागी होकर जोगी कांग्रेस से चुनाव लड़ा, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई।

किस्मतलाल नंद का पुलिस सेवा में भी एक लंबा और प्रतिष्ठित करियर रहा है। उन्हें पुलिस सेवा में वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक भी मिल चुका था। अब उनके परिवार के सदस्य की तस्करी में संलिप्तता ने एक नई राजनीतिक और कानूनी स्थिति उत्पन्न कर दी है।

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