कोरबा में जंगल का आतंक: बाघ के बाद मगरमच्छ ने मचाई दहशत, ग्रामीणों ने दिखाया साहस और किया रेस्क्यू

राजेन्द्र देवांगन
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कोरबा में वन्यजीवों का आतंक: बाघ के बाद सड़क पर मगरमच्छ, ग्रामीणों ने साहस दिखाकर वन विभाग को सौंपा

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में जंगली जानवरों की लगातार उपस्थिति ने ग्रामीणों के बीच सनसनी और दहशत फैला दी है। कटघोरा वन मंडल के पाली रेंज के शिवपुर गांव में तालाब से निकलकर सड़क पर आए मगरमच्छ ने पूरे गांव को हिला दिया। इससे पहले इसी क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी की खबरें भी सामने आई थीं।

ग्रामीणों का साहसिक कदम

शिवपुर के तालाब से निकलकर एक बड़ा मगरमच्छ सड़क पर आ गया। मगरमच्छ को देखकर गांव में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन ग्रामीणों ने बिना डरे उसे रस्सी से बांध लिया। इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मगरमच्छ को अपने कब्जे में लिया।

बाघ की मौजूदगी से पहले ही थी दहशत

शिवपुर गांव में मगरमच्छ मिलने से कुछ दिन पहले चैतमा इलाके में बाघ की मौजूदगी की खबरें आई थीं। स्थानीय लोगों ने बाघ को जंगल में घूमते हुए देखा था और इसे मवेशियों पर हमला करते हुए भी बताया गया था। हालांकि, वन विभाग ने बाघ की पुष्टि नहीं की थी, लेकिन इस घटना ने ग्रामीणों को पहले से ही डरा रखा था।

ग्रामीणों में डर का माहौल

कटघोरा वन मंडल में लगातार जंगली जानवरों के आने से ग्रामीण डरे हुए हैं। कोरबा और पड़ोसी जीपीएम जिले से जानवरों के आने की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है। वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सूचना दें।

वन विभाग की प्रतिक्रिया

वन विभाग ने मगरमच्छ को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने ग्रामीणों को ऐसे मामलों में सतर्क रहने और सीधे वन विभाग की मदद लेने की सलाह दी है।

यह घटना ग्रामीणों के साहस और वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व के प्रति उनकी समझदारी को भी उजागर करती है। हालांकि, वन विभाग के लिए ऐसे मामलों में और सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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