आश्रमों में बच्चों की मौत पर हंगामा: NSUI ने मंत्री रामविचार नेताम का पुतला जलाया, सरकार पर लापरवाही के गंभीर आरोप
जगदलपुर: बस्तर संभाग के आश्रमों और पोटाकेबिन में हो रही छात्र-छात्राओं की मौतों को लेकर NSUI ने आदिवासी विकास विभाग मंत्री रामविचार नेताम का पुतला जलाया। जगदलपुर में NSUI कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आदिवासी छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर तीखा विरोध जताया।
बच्चों की सुरक्षा और सुविधाओं पर सवाल
NSUI के शहर अध्यक्ष विशाल खंबारी ने कहा कि बस्तर के आश्रम और पोटाकेबिन में छात्रों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बच्चों को न तो पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं और न ही सुरक्षा। इन हालात में बच्चे गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, कुछ ने आत्महत्या तक कर ली है।
NSUI का सरकार पर आरोप
विशाल खंबारी ने कहा, “प्रदेश में सरकार आदिवासी बच्चों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था करने में पूरी तरह विफल रही है। आश्रमों और पोटाकेबिन में लगातार मौतें हो रही हैं, लेकिन मंत्री रामविचार नेताम इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। इसी लापरवाही के विरोध में उनका पुतला दहन किया गया।”
छात्रा की मौत से भड़के परिजन
हाल ही में सुकमा जिले के छिंदगढ़ ब्लॉक के पोटाकेबिन में कक्षा दूसरी की एक छात्रा की मौत हो गई। स्कूल प्रबंधन ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। मृत छात्रा के परिजनों ने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
सरकार पर बेहतर व्यवस्था न करने का आरोप
NSUI का कहना है कि आदिवासी इलाकों में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के सरकार के दावे केवल कागजों पर हैं। आश्रमों और छात्रावासों में बच्चों की लगातार हो रही मौतें इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की अनदेखी कर रही है।
मांगें और विरोध जारी
NSUI ने सरकार से आदिवासी छात्रों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने, लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और आश्रमों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। साथ ही, बच्चों की मौत के मामलों की निष्पक्ष जांच कराने की भी अपील की गई है।