सरगुजा: फॉरेस्ट ऑफिस के पीछे चंदन के पेड़ों पर तस्करों का हाथ साफ, लाखों का नुकसान

राजेन्द्र देवांगन
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सरगुजा: फॉरेस्ट ऑफिस के पीछे तस्करों ने काटे चंदन के पेड़, लाखों का नुकसान

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) कार्यालय के पीछे स्थित बांसबाड़ी नर्सरी में तस्करों ने चार चंदन के पेड़ों को काट लिया। तस्कर तीन पेड़ों के मोटे तने अपने साथ ले गए, जबकि कुछ हिस्से वहीं छोड़ दिए। चोरी गए पेड़ों की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है।

घटना का विवरण

तस्करों ने बीती रात चंदन के पेड़ों को चैनसॉ की मदद से काटा। तीन पेड़ों के मोटे तने और लकड़ी को तस्कर वाहन में लोड कर ले गए। सात अन्य पेड़ों पर भी तस्करों ने आरा चलाया, लेकिन उन्हें पूरी तरह नहीं काट सके। इन चंदन के पेड़ों को 2009-10 में लगाया गया था, जो अब पूरी तरह विकसित हो चुके थे।

सुरक्षा की कमी

नर्सरी के पास वन विभाग द्वारा सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए थे। सुबह मार्निंग वॉक पर निकले लोगों ने कटे हुए पेड़ों को देखा और वन विभाग को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने कटे हुए हिस्सों को जब्त कर लिया।

चंदन की लकड़ी की डिमांड

सरगुजा में सफेद चंदन के पेड़ बड़ी संख्या में लगे हैं। चंदन की लकड़ी की कीमत चार से पांच हजार रुपये प्रति किलो तक होती है, जिससे यह तस्करों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है।

पिछले मामलों की पुनरावृत्ति

सरगुजा में करीब पांच-छह साल पहले भी चंदन के पेड़ों की चोरी के बड़े मामले सामने आए थे। उस समय दर्जनभर से अधिक पेड़ काटे गए थे। प्रशासन की सख्ती के बाद घटनाएं थम गई थीं, लेकिन अब तस्कर फिर से सक्रिय हो गए हैं।

वन विभाग की कार्रवाई

वन विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाने और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। अधिकारियों ने अब तक चोरी गए लकड़ी की सही कीमत और आगे की कार्रवाई पर बयान नहीं दिया है।

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