बिलासपुर सहित प्रदेश के 19502 कैदियों की पैरोल अवधि समाप्त ,करना होगा सरेंडर

राजेन्द्र देवांगन
2 Min Read

बिलासपुर।प्रदेश की जेलों से पैरोल और अंतरिम जमानत छूटे 19502 कैदियों को नए साल में सरेंडर करना ही होगा। उनके पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं हैं। हाईपावर कमेटी और हाईकोर्ट की ओर से इन कैदियों को दी गई रिहाई की छूट की मियाद 31 दिसम्बर को खत्म हो गई है अगले दिन से लगातार 3 दिन हाईकोर्ट की छुट्टी है । ऐसे में शुक्रवार तक कैदियों ने खुद को सरेंडर करना शुरू कर दिया है।

कोरोना वायरस के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिए राज्यों से उन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने को कहा था जो अधिकतम 7 साल की सजा काट रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को हाई पावर कमेटी गठन करने के आदेश दिए थे इस आदेश पर छत्तीसगढ़ में 26 मार्च को गठित की गई हाईपावर कमेटी ने जेलों में बंद कैदियों की स्थित पर चर्चा की। फिर संक्रमण के फैलाव को देखते हुए 19502 कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया था।

केंद्रीय जेल छोड़े गए कैदियों की संख्या
रायपुर 3224
दुर्ग 2031
बिलासपुर 1910
अंबिकापुर 849
जगदलपुर 739

– इनके साथ ही जिला जेल और उपजेल मिलाकर 19502 कैदियों को छोड़ा गया था।

हाईकोर्ट बार-बार छूट की सीमा को बढ़ाता रहा
इसके बाद हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जेल की स्थिति को ध्यान में रख कर कई बार छूट की समय अवधि बढाई। मामले में 1 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान 31 दिसंबर तक और समय अवधि को बढ़ा दिया था। अब 1 जनवरी को सभी छूटे हुए कैदियों को जेल में सरेंडर करना होगा। वे हाईकोर्ट भी नहीं जा सकते। हाईकोर्ट में 1 जनवरी को नए साल, 2 को शनिवार और 3 जनवरी को रविवार की छुट्टी है।

Share this Article

You cannot copy content of this page