50 लाख की गड़बड़ी, उच्च स्तरीय जांच की मांग

राजेन्द्र देवांगन
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पीजी कॉलेज की जनभागीदारी समिति में 50 लाख रुपए की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। ये वो पैसे हैं, जो स्टूडेंट्स से जनभागीदारी शुल्क के रूप में लिए गए थे। एनएसयूआई ने गड़बड़ी की उच्च स्तरीय जांच कराने मांग की है।गुरुवार को एनएसयूआई कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के नाम पर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

जिलाध्यक्ष शितेष चंद्रवंशी ने बताया कि कॉलेज में एडमिशन के दौरान स्टूडेंट्स से 300-300 रुपए जनभागीदारी शुल्क लिए गए थे। अतिथि प्राध्यापक और सफाई कर्मियों को वेतन देने सहायक ग्रेड-2 प्रमोद वर्मा ने प्रभारी प्राचार्य से चेक पर हस्ताक्षर लिया। अतिथि प्राध्यापकों की सैलरी उनके खाते में ट्रांसफर होना था। जबकि जनभागीदारी के खाते से नकदी निकाली गई।

जो कॉलेज प्रबंधन की संलिप्तता को दर्शाता है।एनएसयूआई ने कॉलेज के सभी बैंक खातों का स्टेटमेंट निकलवा कर लेन-देन की जांच करने मांग की है। मामले में सहायक ग्रेड-2 प्रमोद वर्मा, प्रभारी प्राचार्य व अन्य संलिप्त कर्मचारियों पर तुरंत निलंबन की कार्रवाई करने मांग रखी। कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

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