महंगे शौक पूरा करने युवक ठगों से जुड़ा

राजेन्द्र देवांगन
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लेनदेन के लिए 40 खाते बेचे, 7 बाइक व 3 कारें खरीदीं

शेयर मार्केट व क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का जाल फैलाकर ठगने वाले कमल खट्टर ने खुद के नाम से 4 बोगस कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कराया है। उन कंपनियों व परिचितों के नाम से 40 से ज्यादा खाते खोलकर ठग गैंग को बेच दिए। ठगों को पासबुक के साथ एटीएम, बैंक में रजि.पुलिस को 40 खातों में 20 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन मिले हैं। ठगी से मिलने वाले पैसे से कमल ने महंगी कारें और बाइक खरीदी।

वह रोज गाड़ियां बदलकर घूमता था। कमल का कहना है कि वह शौक पूरा करने और लग्जरी लाइफ जीने के लिए ठगों से जुड़ गया। बिना मेहनत के उसके खाते में पैसा आने लगे। वह पिछले डेढ़ साल से ठगों के लिए काम कर रहा है। जांच अधिकारी टीआई मनोज नायक और एसआई हेमंत डहरिया ने बताया कि कमल खट्टर 12वीं पास है।वह पहले मजदूरी करता है। इस दौरान वह अक्सर रईस घरों के बच्चों को महंगी गाड़ियों और ब्रांडेड कपड़े पहनकर घूमते देखता था।

उसके मन में उसी तरह की लाइफ जीने की ख्वाहिश थी। इस बीच वह दिल्ली के ऋषभ दास के संपर्क में आया। ऋषभ कुछ साल पहले रायपुर में रहता था।वह भी महंगी गाड़ियों में घूमता था। कमल उससे काफी प्रभावित हुआ। उसकी इच्छा जानकर ही ऋषभ ने ठगों के गैंग में जोड़ा। उसे ठगों के लिए खाते की व्यवस्था करने काम दिया गया। कमल ने शंकर नगर इलाके में कपड़ा दुकान खोला।

उसने दुकान के लिए चार कंपनियों के नाम गजानंद इंटरप्राइजेस लिमिटेड, केके इंटरप्राइजेस, केके इंटरप्राइजेस क्लॉथ, द क्लॉथ के नाम से बोर्ड लगाया।हर 15 दिन में वह नाम बदल देता था। इन क‌ंपनियों के नाम से अलग-अलग बैंक में खाता खोला। उसके बाद अपने करीबी और परिचित के नाम से खाता खोला। उन खातों को उसने 80-80 हजार रुपए में बेच दिया। उसे हर माह अलग से कमीशन भी मिलता था।

वह कुछ और खातों की व्यवस्था में लगा हुआ था। कमल का रायपुर में खुद का मकान नहीं है। वह किराए के दो कमरे के मकान में रहता है।खातों का चैनल बनाकर अपने खाते में मंगाते थे पैसेडीएसपी संजय सिंह ने बताया कि मोवा के महेश चंदानी से कुछ माह पहले 1.16 करोड़ की ऑनलाइन ठगी हुई थी। इसमें पंडरी थाने में केस दर्ज किया गया था।

पीड़ित को शेयर मार्केट में निवेश पर मोटे मुनाफे का झांसा दिया गया। फर्जी एप डाउनलोड कराया गया। अलग-अलग किश्त में पैसा जमा कराया गया।इसमें 15 दिनों तक तकनीकी जांच की गई। बैंक खातों के ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड को खंगाला गया। पहले लेयर से लेकर चौथे लेयर तक के ट्रांजेक्शन में पाया गया कि एक खाते से कैसे दूसरे, तीसरे और चौथे खाते में पैसा पहुंचा। कॉल डिटेल निकाला गया।

तब राजीव नगर के कमल खट्टर (27) का क्लू मिला।तलाशी के दौरान उसके घर से 40 खातों की जानकारी मिली, जो रायपुर, भिलाई और आसपास के शहरों की निकली है। तब आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी से दिल्ली के ठग ऋषभ दास का क्लू मिला है। वह ऑनलाइन ठगी गिरोह का अहम सदस्य है।सूदखोर के घर पर गाड़ियां छिपाकर रखीं कमल ने कार व बाइक को सूदखोर रोहित तोमर के घर पर छिपाकर रखी थीं। जहां से जब्त कर लिया गया है।

पुलिस इस मामले में रोहित की भूमिका की जांच कर रही है। कमल ज्यादातर अपने घर पर नहीं रहता था। वह दोस्तों के घर या होटल में रात गुजारता था।एक्सपर्ट व्यू – शॉर्टकट से पैसा कमाने के चक्कर में बन रहे निशानामोहित साहू, साइबर एक्सपर्टज्यादातर लोग ऑनलाइन ठगी करने वालों से इसलिए जुड़ रहे हैं कि उन्हें आसानी से पैसा मिल रहा है। उन्हें कोई मेहनत वाला काम नहीं करना पड़ता है या ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। बैठे-बैठे उनका काम हो जाता है और खाते में पैसे आते रहते हैं। महंगे शौक, लग्जरी लाइफ के साथ शॉर्ट कट तरीके से पैसा कमाने के लिए लोग ठगों से जुड़ रहे हैं।

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