सम्पत्ति के नाम पर मां और भाई बने जानी दुश्मन।बिलासपुर के चर्चित किम्स अस्पताल में संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद नहीं थम रहा है। यहां अस्पताल प्रबंधन पर एक और फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।
यहां डायरेक्टर व अस्पताल अधीक्षक ने मिलकर दूसरे डायरेक्टर के दो साल से अधिक का वेतन भुगतान कागजों में कर दिया,.डायरेक्टर डॉ रविशेखर व अन्य के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। दरअसल, अस्पताल की संपत्ति को हड़पने फर्जी वसीयत करने सहित अन्य विवाद का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है।
इधर, अस्पताल के डायरेक्टर व डॉ. कृष्णा ने बड़े बेटे डॉ. राजशेखर ने पुलिस से शिकायत कर बताया कि उनके पिता के नाम की संपत्ति को हथियाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर कोर्ट को गुमराह किया जा रहा है।
उन्होंने दावा कि वो अस्पताल के डायरेक्टर हैं और काम भी कर रहे हैं, जिसके एवज में उन्हें प्रति माह चार लाख रुपए वेतन भुगतान किया जाता है। लेकिन, अक्टूबर 2022 से उनका वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने प्रबंधन पर अपने ढाई साल के वेतन में अनियमितता करने का आरोप लगाया है।
उन्हें इसकी न तो जानकारी दी जा रही है और न ही दस्तावेज दिखाए जा रहे हैं। जबकि किम्स हस्पिटल की ओर से केंद्र सरकार को उनके नाम से टीडीएस लगातार जमा किया जा रहा है, जिसके टैक्स के भुगतान के लिए उन्हें नोटिस दी जा रही है।दूसरे डायरेक्टर डॉ राजशेखर ने अपने ही भाई पर कूटरचना कर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है।
डायरेक्टर व अस्पताल अधीक्षक ने मिलकर किया फर्जीवाड़ा डॉ. राजशेखर ने बताया कि अस्पताल के दूसरे डायरेक्टर डॉ. डीवाई रविशेखर, वाई कमला और अस्पताल अधीक्षक ने मिलकर फर्जीवाड़ा किया है और उनके वेतन की राशि एक करोड़ 8 लाख रुपए हड़प ली है। इस मामले की शिकायत पर पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है।जानिए संपत्ति को लेकर क्या है विवाद डॉ. राजशेखर ने बताया कि उनके पिता की अगस्त 2020 में मौत हो गई थी। इस बीच उनकी मां और भाई ने मिलकर राजस्व न्यायालय में पिता की मौत की जानकारी दी और संपत्ति अपने नाम करा ली। आरोप है कि उन्होंने छलपूर्वक झूठे शपथपत्र प्रस्तुत कर फर्जी वसीयतनामा तैयार किया है। जबकि, उनके पिता ने अपनी मौत के पहले कोई वसीयत नहीं लिखी थी।
उनकी मां और छोटे भाई ने तहसील कार्यालय में शपथ पत्र के साथ बताया है कि उनके अलावा संपत्ति का और कोई वारिस नहीं है। जबकि, डॉ. राजशेखर के साथ ही उनकी बहन पल्लवी भी परिवार की सदस्य हैं और डॉ. कृष्णा के बेटे और बेटी हैं। इसी फर्जी वसीयत के जरिए अस्पताल का संचालन करने का आरोप है।अस्पताल में हैं तीन डायरेक्टर दस्तावेजों के आधार पर अस्पताल में तीन डायरेक्टर हैं।
इसमें डॉ. कृष्णा की पत्नी वाई कमला, डॉ. राजशेखर और डा. रविशेखर शामिल हैं। इसके साथ ही अस्पताल अधीक्षक डी सुधा राम हैं। अस्पताल प्रबंधन पर आरोप है कि डा. राजशेखर को धोखे में रखकर काम चल रहा है और उनकी सहमति के बगैर ही उनके वेतन सहित दूसरे मद के पैसों में हेराफेरी की जा रही है।
डॉ. रविशेखर बोले- डायरेक्टर को कर दिया है टर्मिनेट इधर, किम्स अस्पताल के तीसरे डायरेक्टर डॉ. रविशेखर का कहना है कि उनका बड़ा भाई राजशेखर भी डायरेक्टर है। साथ ही वो पहले अस्पताल में काम भी करते थे। लेकिन, अस्पताल के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार सहित अन्य गंभीर शिकायतों के बाद उन्हें अस्पताल से हटा दिया गया है। ऐसे में वो बिना वेतन के डायरेक्टर हैं।दोनों पक्ष आए दिन करते हैं एक-दूसरे की शिकायत बताया जा रहा है कि संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद का मामला कोर्ट तक पहुंच गया है।
इसके बाद भी दोनों पक्षों के बीच संपत्ति और अस्पताल के संचालन को लेकर आए दिन विवाद होता रहता है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाकर पुलिस से शिकायत कर रहे हैं। इस बार डॉ. राजशेखर ने अपने वेतन के पैसे हड़पने का आरोप लगाया है।
मेरा कोई लेना देना नहीं, मैं तो कर्मचारी हूं वहीं, अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुधाराम का कहना है कि उनको अस्पताल की संपत्ति के विवाद से कोई लेना देना नहीं है। वो अस्पताल में डॉक्टर और अधीक्षक के तौर पर सेवाएं दे रही हैं। अस्पताल का वर्कर किसी डायरेक्टर का वेतन कैसे रोक सकता है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप गलत है।